Delhi News: CBI के लिए SPP की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने में हुई देरी, LG ने लिया संज्ञान
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Delhi News: CBI के लिए SPP की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने में हुई देरी, LG ने लिया संज्ञान

Delhi Hindi News: उपराज्यपाल ने सीबीआई के लिए विशेष लोक अभियोजकों (एसपीपी) की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने में दिल्ली सरकार की तरफ से की गई देरी को गंभीरता से लिया है.

Delhi News: CBI के लिए SPP की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने में हुई देरी, LG ने लिया संज्ञान

Delhi News: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई के लिए विशेष लोक अभियोजकों (SPP) की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी करने में दिल्ली सरकार की तरफ से की गई देरी को गंभीरता से लिया है. इसके परिणामस्वरूप पिछले नौ महीनों से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न विशेष अदालतों में पॉक्सो (POCSO) मामलों की सुनवाई रुकी हुई है.

- POCSO अधिनियम से संबंधित मामले संवेदनशील प्रकृति के हैं और कानून के अनुसार इन मामलों में मुकदमा अपराध के संज्ञान की तारीख से एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना है.
- उपराज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में फाइल इस साल जनवरी से दिल्ली के गृह विभाग के मंत्री के पास लंबित थी.
- कैलाश गहलोत को 9 मार्च 2023 को सत्येन्द्र जैन की जगह गृह विभाग का प्रभारी मंत्री बनाया गया था, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.
-  बलात्कार और POCSO अधिनियम से संबंधित मामलों से निपटने में इस तरह का सुस्त और असंवेदनशील रवैया, ऐसे जघन्य अपराधों के अपराधियों को अनुचित लाभ देने के ही बराबर है.

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-  सीबीआई ने सूचित किया है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार, स्टोरेज और देखने के आरोपों पर उसके द्वारा 20 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
- एसपीपी की नियुक्ति में देरी से जांच एजेंसी के मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मासूम बच्चों के खिलाफ अपराध के अपराधियों को अनुचित लाभ मिल सकता है.
- उपराज्यपाल ने POCSO मामलों में सीबीआई के लिए वरिष्ठ लोक अभियोजकों/लोक अभियोजकों की नियुक्ति और अधिसूचना के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
-  चूंकि इनकी नियुक्ति का मामला लंबे समय से प्रभारी मंत्री के स्तर पर लंबित था, दिल्ली सरकार के प्रमुख गृह सचिव ने प्रस्ताव दिया कि मामले को भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेज दिया जाए। इस मामले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता 
(सीआरपीसी ) की धारा 24 (8) के तहत दी गई केंद्र की शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय से मंजूरी ली जा सकती है सीबीआई को इसके बारे में सूचित किया जा सकता है.