Delhi Liquor Scam: शराब घोटाले में CBI ने इन सवालों के आधार पर मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है. CBI के अनुसार सिसोदिया के जवाब संतोषजनक नहीं थे.
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Manish Sisodia: शराब घोटाले में CBI ने रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. आज 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया को पेश किया जाएगा. सुरक्षा कारणों की वजह से सिसोदिया को VC के जरिए भी पेश किया जा सकता है.
इस मामले में अब मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सेक्रेटरी सी अरविंद का बयान सामने आया है, उन्होंने अपने बयान में बताया कि मार्च 2021 में मनीष सिसोदिया ने सेक्रेटरी सी अरविंद को CM केजरीवाल के घर पर बुलाया और ड्राफ्ट दिया, जिसमें Wholesale प्राइवेट पार्टियों को देने की बात थी. साथ ही कहा कि इसे GoM रिपोर्ट के आधार पर तैयार करो, जबकि GoM में ऐसी कोई बात नहीं थी.
CBI ने मनीष सिसोदिया से पूछे ये सवाल
-जब GoM की मीटिंग में Wholesale को प्राइवेट कंपनियों को देने की बात नहीं थी तो फिर क्यों इसे प्राइवेट कंपनियों को दिया गया.
-जब पॉलिसी मार्च में तैयार थी तो उसे जुलाई महीने तक क्यों छिपा कर रखा गया?
-पॉलिसी प्राइवेट लोगों तक जिसमें आम आदमी पार्टी और शराब व्यापारी है, उन तक कैसे पहुंची?
-पॉलिसी के जब GoM हुयी थी तो एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को क्यों नजरअंदाज किया गया?
-Wholesale के लिये मार्जिन 5 फीसदी से 12 फीसदी क्यों किया गया, क्या इसके लिये LG से मंजूरी ली गयी थी?
-शराब व्यापारियों को 144 करोड़ की छूट दी गई, वो किसलिये किया?
-शराब की दुकानों को Non Confirming Ward में खोलने का फैसला क्यों लिया गया जबकि सब इसके विरोध में थे?
-मार्च 2021 में शराब नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया, केबिनेट मीटिंग हो गई, लेकिन इसे LG को क्यों नहीं बताया गया?
-क्या सरकार चलाने के नियमों का पालन किया गया?
-जुलाई 2021 में क्यों इस नीति को मंजूरी के लिये भेजा गया?
-समीर महेंद्रू को क्यों शराब का लाइसेंस दिलाने की सिफारिश की, जबकि शराब नीति में ये साफ था की शराब बनाने वाला Wholesaler या Retail में नहीं आ सकता.
-दिनेश अरोड़ा ने बताया कि कैसे विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली ने हवाला के जरिये पैसे दिए?
-इन पैसों को क्या 12 फीसदी के मार्जिन के बदले लिए गए?
-क्या साउथ की शराब लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिये इस शराब नीति को तैयार किया गया?
-जब पहले की शराब नीति में Wholesale का मार्जिन 5 फीसदी था और एक्सपर्ट कमेटी ने भी यही रखने का सुझाव दिया था तो बाद में अचानक क्यों इसे 12 फीसदी कर दिया गया?