Delhi News: कई छात्रों ने बताया कि पहले वे परीक्षा की तैयारी नहीं करना चाहते थे, लेकिन स्कूल में माहौल इतना अच्छा मिला कि उन्होंने तैयारी शुरू कर दी और सफल भी हो गए.
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Delhi News: शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नया मुकाम हासिल कर रहे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपरेटरी स्कूल का नाम भी जुड़ गया है. इस स्कूल के पहले बैच के 32 बच्चों ने पहली बार में ही यूपीएससी द्वारा आयोजित एनडीए की लिखित परीक्षा पास कर ली है. 32 में 9 लड़कियां भी शामिल हैं. शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने कैंप ऑफिस में इन सभी बच्चों व शिक्षकों से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने स्कूल में एडमिशन, मिली सुविधाओं और टीचर्स से जुड़े अनुभव शेयर किए.
स्कूल का माहौल देखकर की तैयारी
कई छात्रों ने बताया कि पहले वे परीक्षा की तैयारी नहीं करना चाहते थे, लेकिन स्कूल में माहौल इतना अच्छा मिला कि उन्होंने तैयारी शुरू कर दी और सफल भी हो गए. छात्रों ने बताया कि इस परीक्षा में 12 विषय थे, जिसमें से 9 बाहरी विषय थे. इसके लिए उन्हें अलग से ये 9 विषय पढ़ने पड़े. छात्रों ने सीएम को बताया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए शाम को तीन से पांच बजे तक मैथ और अन्य विषय पढ़ाए जाते थे. साथ ही उन्हें स्पेशल क्लास भी दी जाती थी.
स्कूल देखकर बनाया एनडीए में जाने का मन
छात्रा अदिति गौतम ने बताया कि एक साल पहले हमने स्कूल ज्वाइन किया था. शुरुआती दिनों में हॉस्टल में अच्छा नहीं लगा, क्योंकि यह पहली बार था, लेकिन धीरे-धीरे हम आपस में दोस्त बन गए. सभी स्टाफ मेंमबर्स ने हमारी काफी मदद की. शाम के समय हमें यूपीएससी की क्लास दी जाती है, जिसमें हम लोग लिखित परीक्षा की तैयारी करते थे. हमने पूरे साल सभी स्टाफ मेंबर्स के साथ कड़ी मेहनत की और रिजल्ट देखकर हम सभी काफी खुश हुए. इसके साथ ही छात्रा प्रिंसी ने बताया कि वो एनडीए की परीक्षा देना चाहती थीं, लेकिन जब उन्होंने केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए इस स्कूल को देखा, तब एनडीए ज्वाइन करने का मन बनाया. शुरुआती दिनों में स्कूल के शेड्यूल का पालन करना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन यह समय के साथ हमारे लिए आसान होता गया. सभी टीचर्स और स्टाफ सदस्यों ने काफी मदद की और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन ने दिलाई जीत
छात्र हिमांशु ने बताया कि करीब 18 हजार बच्चों ने इग्जाम के लिए आवेदन किया था. इसके लिए हमें पूरे प्लान के साथ तैयारी कराई गई, जिसमें सारा सिलेबस कवर हो गया. टेस्ट के साथ हमें टीचर्स का सहयोग मिला. इस स्कूल को खोलने के लिए मैं दिल्ली सरकार का धन्यवाद करना चाहूंगा. हिमांशु मे बताया कि उन्हें बॉक्सिंग में दिलचस्पी है और अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह उसमें भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे. छात्र शिव प्रहलाद मिश्रा ने बताया कि मैंने यहां रहते हुए टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन सीखा. तैयारी के शुरुआती टेस्ट में मेरे काफी खराब अंक आते थे, लेकिन टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन के साथ तैयारी करने के बाद मेरे रिजल्ट में काफी सुधार हुआ. वहीं छात्र मोहित ने बताया कि इस स्कूल में आने से पहले मेरे अंदर आत्मविश्वास की काफी कमी थी. साथ ही आर्म्ड फोर्सेज के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन जब यहां आने का मौका मिला तो मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया. टीचर्स के सहयोग और इस कोर्स के साथ इस परीक्षा को पास करने में मदद मिली.
इसकी नहीं थी उम्मीद
छात्र आशुतोष कुमार ने बताया कि मैं एक मिडिल क्लास परिवार से हूं. आज मैं सबके सामने इतने आत्मविश्वास के साथ खड़ा हूं तो इसका श्रेय इस स्कूल को जाता है. मीडिल क्लास से होने की वजह से मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि मुझे इस तरह की सुविधा मिल सकती है. मेरे कई दोस्त जो सैनिक स्कूलों में पढ़ चुके हैं, उन्होंने बताया था कि हॉस्टल अच्छा नहीं होता, खाना अच्छा नहीं होता है, लेकिन यहां आकर चीजें बिल्कुल अलग थीं. हम सबमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा था और इस स्कूल ने हमें उसके लिए दिशा दी. मैं चाहता हूं कि हमारा स्कूल हमारे देश का प्रतिनिधित्व करे. इसके साथ ही छात्रा रुहानी शर्मा ने बताया कि मैं हमेशा से ही हॉस्टल लाइफ को अनुभव करना चाहती थी. यहां आकर मैंने कई अच्छे दोस्त बनाए और टीचर्स ने इस सफर में हमारी काफी मदद की, जिसके लिए मैं दिल्ली सरकार को धन्यवाद कहना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि हमारे स्कूल में आगे चलकर एनसीसी भी कराई जाए. छात्र कार्तिक ने बताया कि मैं 2020 से एनडीए की तैयारी कर रहा था. कोरोना के समय में मैंने एक सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया, जहां फ्रीडम फाइटर्स के बारे पढ़ने के बाद मुझे अपने देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली. मैंने हॉस्टल के बारे में काफी बुरा सुना था, लेकिन यहां सबकुछ शानदार है. यहां के टीचर्स और स्टाफ ने हमें काफी सपोर्ट दिया.