Delhi News: गुजरात हाईकोर्ट ने नहीं दी राहुल गांधी को राहत, बेदाग होनी चाहिए नेता की छवि- कोर्ट
Delhi News: मोदी सरनेम पर टिप्पणी करने के मामले में राहुल गांधी को गुजरात कोर्ट ने दोषी ठहराया था, जिस पर राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
Delhi News: गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक की मांग की थी. अभी राहुल गांधी को इस केस में सेशन कोर्ट से जमानत मिली हुई है, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल हो सके. इसके लिए जरूरी है कि उन्हें दोषी ठहराए जाने के फैसले पर भी रोक लगे. सेशन कोर्ट से इस बारे में कोई राहत न मिलने पर राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया है.
आइए जानते है कि राहुल गांधी की दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा है.
1. बड़े तबके की मानहानि का आरोप
हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है राहुल गांधी पर आरोप किसी व्यक्ति विशेष की मानहानि करने का न होकर, समाज के एक बड़ा तबके की मानहानि का है. समाज का एक बड़ा तबका उनके बयान से प्रभावित हुआ है. राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी के बड़े नेता है. जाहिर है, उनकी पहुंच के चलते उनका बयान समाज के बड़े तबके तक जाता है. उनसे उम्मीद की जाती है कि वो सावधानी बरतें और कोई ऐसा बयान न दें, जिससे समाज के एक बड़े तबके की प्रतिष्ठा से समझौता हो.
2. राहुल गांधी के पास पुख्ता आधार नहीं
गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी गैरवाजिब कारणों का हवाला देकर दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक पाने की कोशिश कर रहे हैं. ये जाना माना कानूनी सिद्धान्त है कि दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक देना कोई नियम नहीं है, बल्कि इसको अपवाद के तौर पर ही रेयर केस में ही दिया जाना चाहिए, फिर अयोग्यता का मसला सिर्फ MP/MLA तक ही सीमित नहीं है
3. जनप्रतिनिधियों को बेदाग होना चाहिए
हाईकोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ दस से ज्यादा केस लंबित हैं. राजनीति में शुद्धता वक्त की जरूरत है. जनप्रतिनिधियों को बेदाग होना चाहिए. इस शिकायत के बाद भी राहुल गांधी के खिलाफ दूसरी शिकायत दर्ज की गई. इनमें से एक शिकायत वीर सावरकर के पोते ने पुणे की कोर्ट मे दायर की, क्योंकि आरोपी ने वीर सावरकर के खिलाफ मानहानि करने वाला बयान दिया था. लखनऊ की कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई. इन सब के मद्देनजर अगर राहुल गांधी के दोषी ठहराए जाने के फैसले पर अगर कोर्ट रोक नहीं लगता है तो उनके साथ कोई नाइंसाफी नहीं होगी.
4. जिला जज अपील पर जल्द फैसला करें
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने का निचली अदालत का आदेश कानूनी तौर पर बिल्कुल सही है और कोर्ट के इसमे दखल देने का कोई औचित्य नहीं बनता. हम जिला जज से आग्रह करते है कि वो राहुल गांधी की अपील पर (चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट से दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक) पर मेरिट के आधार पर सुनवाई करके जल्द फैसला लें.