Delhi News: दिल्ली के अलीपुर इलाके के बूढ़पुर गांव में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है. छत पर खेल रहे मासूम बच्चे हो या गली में घूम रही बुजुर्ग महिलाएं या बुजुर्ग व्यक्तियों को बंदर रोज अपना शिकार बनाते हैं. इतना ही नहीं यह बंदर करीब 10 से 12 मासूम बच्चों को घायल तक कर चुकें है,  जिसमें कई बुजुर्ग महिला भी शामिल है. स्थानीय लोगों ने ऑनलाइन पोर्टल पर नगर निगम को शिकायत भी दी है, लेकिन प्रशासन की तरफ से नहीं लिया गया कोई संज्ञान बूढ़पुर गांव में बंदरों का आतंक लगातार जारी.


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दिल्ली के नेब सराये इलाके में सैनिक फार्म के अंदर जब तेंदुआ देखा गया तो कई तरह की एजंसियों ने वहां पर करीब 5 से 6 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसका खौफ वहां रहने वाले लोगों के चेहरे पर देखने को मिला, लेकिन गनीमत रहेगी की तेंदुए की तरफ से किसी को भी कोई जान मन की हानि की खबर नहीं मिली, लेकिन दिल्ली के अलीपुर इलाके के पास बूढ़पुर गांव में बंदरों का आतंक इस कदर है कि अब लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं.


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घरों की छत पर मासूम बच्चे बंदरों के डर के चलते नहीं निकल रहे और गलियों में बुजुर्गों ने घूमना बंद कर दिया है. क्योंकि ज्यादातर बंदर मासूम बच्चे और बड़े बुजुर्गों को अपना निशाना बना रहे हैं. कई लोगों को गंभीर रूप से घायल कर चुके हैं. कई मासूम बच्चों का अभी भी अस्पताल में इलाज जारी है, जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने ऑनलाइन पोर्टल कॉरपोरेशन पर दी, लेकिन शिकायत देने के बाद भी प्रशाशनिक अधिकारियों की तरफ से कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा.


बंदरों ने इन महिलाओं व मासूम बच्चों को निशाना बनाया है. ज्यादातर यह बंदर मासूम बच्चों के चहरे पर हमला करते हैं. महिलाओं को भी बंदरों द्वारा घायल कर दिया गया है. हाथ में पट्टी बंधी है और कई जगह चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. अब यहां के लोग बंदरों के चलते डर के साये में जीने पर मजबूर हैं और अपने ही घरों की छतों पर अब निकलने या घूमने यहां पर रहने वाले लोगों ने बंद कर दिया है.


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फिलहाल, अब देखने वाली बात ये होगी कि प्रशासनिक अधिकारी किस तरीके से समस्या पर संज्ञान लेंगे. यह देखने वाली बात होगी, लेकिन जिस तरीके से बंदरों ने अपना आतंक मचा रहे हैं. कही न कहीं यह है काफी चिंता का विषय बनता हुआ नजर आ रहा है.


(इनपुटः नसीम अहमद)