आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में मां-बाप अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पातें हैं. इसलिए वो उनको स्मार्ट फोन दे देते हैं, जिससे वो उसी में व्यस्त रहे, लेकिन ऐसा करना बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है.
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New Delhi News: आजकल के बच्चे ज्यादार मोबाइल या कंप्यूटर में गेम या कुछ न कुछ करते रहते हैं. ऐसे में मां-बाप भी व्यस्त होने के कारण बच्चों को रोकते-टोकते नहीं हैं, लेकिन बच्चों को सारा दिन फोन में बिजी रहना खतरनाक साबित हो सकता है. हाल ही में एक शोध में पता लगा है कि वीडियो गेम की लत अतिसंवेदनशील बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है. सारा दिन फोन या कंप्यूटर में व्यस्त रहने से बच्चों के दिल की धड़कन अनियमति रूप से बढ़ जाती हैं. इससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता है.
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बता दें कि यह शोध ऑस्ट्रेलिया में हुआ है, जहां हार्ट रिदम में प्रकाशित एक शोध में टीम ने विडियो गेम खेलते समय होश खो देने वाले बच्चों के अंदर दिल के रोगों से जुड़ा एक खास पैटर्न देखा है.
ऑस्ट्रेलिया के द हार्ट सेंटर फॉर चिल्ड्रन के डॉक्टर और रिसर्च टीम के प्रमुख क्लेयर एम. लॉली ने बताया कि लगातार वीडियो गेम खेलने से दिल अनियमित तरीके से धड़कने लगता है जो कि बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है. वहीं ये उनके लिए और भी खतरना है, जिन्हें पहले से ही दिल की कुछ बिमारी है. वहीं डक्टर ने कहा कि जो बच्चे गेम खेलते हुए अचानक होश खो देते हैं उनके मां-बाप को दिल की धड़कन की जांच करानी चाहिए, क्योंकि ये दिल की गंभीर बीमारी का पहला संकेत हो सकता है.
इसको लेकर जब शोधकर्ताओ ने अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर समीक्षा की तो ऐसे 22 मामले सामने आए, जिनकी गेम खेलते समय मौत हो गई थी. वहीं कई बच्चों को दिल से जुड़ी बीमारियां हो गईं.
वहीं शोधकर्ताओं ने मां-बाप को सलाह दी कि जिन बच्चों को हार्ट से जुड़ी समस्या का लक्षण दिखता है. उन्हें इलेक्ट्रॉनिक गेम खासतौर पर वॉर गेम्स खेलने से रोकना चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि दिल में समस्या के दौरान बच्चे का गेम में हार या जीत के लिए अति उत्साह हानिकारक है.