Delhi Crime: बीमा पॉलिसी मैच्योर होने का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार
Delhi Crime: पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. आरोपी पिछले चंद दिनों के भीतर ही 40 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं. गिरफ्तार आरोपियों के पास से तीन फोन, नौ डेबिट कार्ड, छह आईडी बरामद की गई है.
नई दिल्ली: शाहदरा डिस्ट्रिक्ट की साइबर थाना पुलिस ने इंश्योरेंस पॉलिसी के मैच्योर होने का झांसा देकर देशभर में लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान शांति नगर गाजियाबाद निवासी हैरी बोंड उर्फ हरीश (34) और वरुण कुमार (29) के रूप में हुई है.
आरोपी पिछले चंद दिनों के भीतर ही 40 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं. पुलिस ने इनके पास से तीन फोन, नौ डेबिट कार्ड, छह आईडी और अन्य सामान बरामद किया है. इस गिरोह का मुख्य आरोपी अभी फरार है. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और तफ्तीश करते हुए यह जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है कि आखिर यह गिरोह अब तक कितने लोगों के साथ ठगी कर चुका है.
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4 मई को दीपक कुमार ने अपने साथ ठगी की शिकायत दी थी. उसने पुलिस को बताया था कि अज्ञात नंबर से उनके पास एक कॉल आई थी. कॉलर ने खुद को एक नामी इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताया। उसने दीपक को बताया कि उनकी पॉलिसी मैच्योर हो गई है. पॉलिसी की रकम देने के लिए ही कंपनी की तरफ से उन्हें कॉल की गई है. रकम हांसिल करने के लिए उन्हें कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी.
आरोपी ने पीड़ित से उनका आधार और पैन कार्ड की जानकारी ली. इसके बाद जीएसटी चार्ज के नाम पर 2.78 रुपये ठग लिए. पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. तकनीकी आधार पर पुलिस ने हैरी बोंड को लोनी से दबोच लिया और उसकी निशानदेही पर वरुण को मौजपुर दिल्ली से धर दबोचा. वरुण ने पुलिस को बताया कि हैरी ग्रेजुएट है. वह सभी अकाउंट की देखरेख करता है.
वरुण सीधे ठगों के संपर्क में रहता है. जब खातों में ठगी की रकम आती तो हैरी उनमें से रकम निकाल लेता था. बाद में रकम वरुण के जरिये अन्य आरोपियों तक पहुंच जाती थी. गिरोह का सरगना किसी अज्ञात जगह बैठकर कॉल सेंटर चला रहा है. फिलहाल पुलिस इसकी तलाश में जुटी है.
इनपुट: राजकुमार भाटी