RTI से जुड़े एक दस्तावेज के मुताबिक स्प्रे करने के लिए सलूशन बनाने पर 2020-21 में 21.96 लाख रुपये, जबकि 2021-22 में 45.95 लाख रुपये खर्च किए गए. लेकिन इस घोल के प्रचार-प्रसार पर 23.27 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए.
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बलराम पांडेय/नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली को हथियार बनाकर पराली के घोल पर बड़ा खुलासा करने की तैयारी में जुट गई है, ताकि केजरीवाल सरकार को विज्ञापन की सरकार बताकर एमसीडी चुनाव में नैया पार की जा सके.
भारतीय जनता पार्टी कल केजरीवाल सरकार के खिलाफ पराली के घोल को लेकर बड़ा खुलासा करेगी. आरटीआई का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी बताएगी कि पराली के लिए जो घोल (पूसा बायो डिकम्पोजर सलूशन) 2020 और 2021 में तैयार किया गया था. इसकी लागत महज 3.79 लाख थी. 2 साल में इस घोल के छिड़काव पर 67.92 लाख रुपये खर्च किए गए.
RTI से जुड़े एक दस्तावेज के मुताबिक स्प्रे करने के लिए सलूशन बनाने पर 2020-21 में 21.96 लाख रुपये, जबकि 2021-22 में 45.95 लाख रुपये खर्च किए गए. लेकिन इस घोल को लेकर प्रचार-प्रसार पर 23.27 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए. इस दौरान 2 साल में महज 935 किसानों को ही फायदा पहुंचा.
इधर दीपावली के बाद जिस तरह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है और दिल्लीवासी जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं. इसे देखते हुए एमसीडी चुनाव में प्रदूषण को हथियार बनाकर भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी को घेरने की तैयारी कर रही है. बीजेपी केजरीवाल सरकार से सवाल पूछ रही है कि आखिरकार पराली को खाद में तब्दील करने वाला घोल कहां गया और आज जब प्रदूषण से दिल्ली की जनता जूझ रही है तो उस घोल का छिड़काव दिल्ली और पंजाब में केजरीवाल जी क्यों नहीं करवा रहे हैं.