देश की राजधानी दिल्ली इस समय एयर पॉल्यूशन की चपेट में चल रही है और ये समस्या हर आती है. इसके कारण बुजुर्ग से लेकर कई बच्चों को अलग-अलग बीमारियों के साथ कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में एम्स भी इस एयर पॉल्यूशन से अछूता नहीं है.
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देश की राजधानी दिल्ली इस समय एयर पॉल्यूशन की चपेट में चल रही है और ये समस्या हर आती है. इसके कारण बुजुर्ग से लेकर कई बच्चों को अलग-अलग बीमारियों के साथ कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में एम्स भी इस एयर पॉल्यूशन से अछूता नहीं है. अनवांटेड मरीजों की संख्या इस समय 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है. यहां इलाज करा रहे जिन मरीजों को महीना दो महीना में दोबारा आने के लिए कहा जाता था. वो एक सप्ताह में ही वापस आ जाते हैं. हॉस्पिटल में इसका सबसे बड़ा कारण दिल्ली में एयर पॉल्यूशन को बताया जा रहा है.
डॉक्टरों का कहना है कि अभी एयर पॉल्यूशन के बीच लोगों को तीन चार बातें ऐसी हैं, जिन पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए. सबसे पहला यह कि किसी भी कीमत पर अभी सुबह या शाम एक्सरसाइज के लिए आउटडोर में नहीं जाना चाहिए. व्यायाम का समय चेंज करके मिड डे में करना चाहिए, वो भी इंडोर में. दूसरा खाना पर भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, फ्रूट पर ज्यादा फोकस करना है. हेल्दी डाइट लेने से पॉल्यूशन से बचा जा सकता है.
गौरतलब है, की इस पॉल्यूशन के बीच आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. हर साल राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी होती जा रही है. ऐसे में सरकार वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए तमाम प्रयास करती है, लेकिन सभी प्रयास विफल ही नजर आते है. इसी क्रम में आज देश के सबसे बड़े एम्स अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें एम्स अस्पताल में इलाज कराने आए लोगों को एम्स अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा प्रदूषण से जुड़ी जानकारियां दी गई.
कार्यक्रम से पहले एम्स के डॉक्टरों ने मीडिया से बात करते हुए प्रदूषण को लेकर कई अहम जानकारियां दी कि, कैसे प्रदूषण से बचाव हो सकता है. बढ़ते प्रदूषण के बीच लोगों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोगों को वायु प्रदूषण से कितना खतरा है, यह सब जानकारियां एम्स के डॉक्टरों ने मीडिया के सामने रखी. एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि हम पर्यावरण में बदलाव तो नहीं कर सकते लेकिन, वायु प्रदूषण से कुछ हद तक खुद को जरूर बचा सकते हैं, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिक हो वहां जाने से बचा जा सकता है. जहां वायु गुणवत्ता खराब हो वहां व्यायाम बिल्कुल भी ना करें. डॉक्टर ने बताया कि मास्क भी इतना कारगर नहीं होता है, जितना लोग सोचते हैं. सिर्फ एन 95 मास्क ही बचाव का रास्ता है, लेकिन हर समय उसको पहना नहीं जा सकता है. खान-पान में हरे पत्तेदार सब्जी का सेवन और फल फ्रूट का सेवन करना बहुत जरूरी है.
इनपुट: मुकेश सिंह