Paush Amavasya 2024: 11 जनवरी को मनाई जाएगी पौष अमावस्या, जानें पूजा-विधि और गंगा स्नान का महत्व
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2052425

Paush Amavasya 2024: 11 जनवरी को मनाई जाएगी पौष अमावस्या, जानें पूजा-विधि और गंगा स्नान का महत्व

Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या तिथि के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं. तो वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार यह समय पौष का महीना माना जाता है. पौष माह की अमावस्या 11 जनवरी, यानी की कल है. तो चलिए जानते हैं कि पौष अमावस्या की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे...

Paush Amavasya 2024: 11 जनवरी को मनाई जाएगी पौष अमावस्या, जानें पूजा-विधि और गंगा स्नान का महत्व

Paush Amavasya 2024: हिंदू धर्म के अनुसार, हर महीने में एक बार अमावस्या तिथि जरूर पड़ती है. इस अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है. क्योंकि, अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. अमावस्या तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से कई सारे लाभ प्राप्त होते हैं. इसी के साथ इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है.

ज्योतिष के अनुसार, अमावस्या तिथि पर गंगा में स्नान करने का भी काफी महत्व है. इस दिन गंगा में स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है और इसके बाद पितरों का तर्पण किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं. तो वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार यह समय पौष का महीना माना जाता है. पौष माह की अमावस्या 11 जनवरी, यानी की कल है. तो चलिए जानते हैं कि पौष अमावस्या की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे...

ये भी पढ़ेंः Sun Transit in Uttarashada Nakshatra: 11 जनवरी को पलटेगी इन राशियों की किस्मत, सूर्य और शनिदेव खोलेंगे किस्मत के द्वार

पौष अमावस्या का मुहूर्त

पौष अमावस्या प्रारंभः- 10 जनवरी शाम 8 बजकर 10 मिनट पर होगा

पौष अमावस्या समाप्तः- 11 जनवरी शाम 5 बजकर 26 पर समाप्त होगा.

पौष अमावस्या की पूजा विधि

पौष अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें. इसके बाद स्नान करके साफ कपड़े पहने. स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. इस दिन उपवास रखने का काफी महत्व है तो आप इस दिन उपवास भी रख सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार, इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और दान करना चाहिए. पौष अमावस्या पर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करें.

ये भी पढ़ेंः Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर कहां और क्यों उड़ाई जाती है पतंग, जानें इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

पौष अमावस्या का महत्व-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पौष अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है. इस पावन दिन पर पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है. इस पावन दिन पर दान करने से भक्तों कई गुना अधिक फल प्राप्त होते हैं.