Shardiya Navratri 3rd Day: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के पूजन के लिए मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़
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Shardiya Navratri 3rd Day: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के पूजन के लिए मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

Shardiya Navratri 3rd Day: नवरात्रि के तीसरे दिन मां के चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) रूप की अराधना की जाती है. मां के दर्शन के लिए आज सुबह से ही राजधानी दिल्ली के सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आई.  

Shardiya Navratri 3rd Day: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के पूजन के लिए मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

Shardiya Navratri 3rd Day: 15 अक्टूबर से नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है, नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है. आज नवरात्रि के तीसरे दिन मां के चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) रूप की अराधना की जाती है. मां के दर्शन के लिए आज सुबह से ही राजधानी दिल्ली के सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आई.  

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति की उपासना की जाती है, आज सुबह से ही मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की उपासना के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आई. देवी मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित होने के कारण इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है.  शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है. मां चंद्रघंटा की सवारी शेर है. दस हाथों में कमल और कमडंल के अलावा अस्त-शस्त्र हैं. माथे पर अर्ध चंद्र ही इनकी पहचान है. इनके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान है. माता चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती हैं.

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ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से मन को शांति प्राप्त होती है. मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप की अराधना से भक्त परम शांति का अनुभव करते हैं. मां के पूजा में दूध का प्रयोग करना परम कल्याणकारी माना जाता है. 

वेस्ट दिल्ली के हरि नगर में संतोषी माता मंदिर में माता के भक्त दर्शन करने पहुंचे, जहां वो भजन कीर्तन करते हुऐ आस्था में डूबे नजर आए.भक्तों का कहना है कि हर नवरात्रि में वो माता के दर्शन करने आते हैं. संतोषी माता मंदिर में सभी की मनोकामना पूरी होती हैं. भक्तों का कहना है कि वो यहां दुखी होकर जरूर आते हैं, लेकिन माता अपनी शक्ति से उनके दुख हर लेती हैं और उन्हें खुशी का वरदान देती हैं. माता के दर से भक्त सदैव मुस्कुराते हुए जाते हैं. संतोषी माता के मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, यही वजह है कि ये लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है.