Durga Puja 2022: पंडाल में मां दुर्गा के साथ स्थापित होने वाली हर मूर्ति का है खास महत्व, जानें
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1373627

Durga Puja 2022: पंडाल में मां दुर्गा के साथ स्थापित होने वाली हर मूर्ति का है खास महत्व, जानें

Durga Puja 2022: इन दिनों देशभर में दुर्गा पूजा की धूम दिखाई दे रही होगी. इन दिनों दिल्ली के कई इलाकों में बड़े-बड़े पंडालों का निर्माण किया जाता है और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है. मगर क्या आप लोग जानते हैं कि मां दुर्गा के साथ देवी सरस्वती, मां लक्ष्मी, श्रीगणेश और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति क्यों स्थापित की जाती है.

Durga Puja 2022: पंडाल में मां दुर्गा के साथ स्थापित होने वाली हर मूर्ति का है खास महत्व, जानें

Durga Puja 2022: नवरात्र के दिनों में दुर्गा पूजा का हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है, दुर्गा पूजा की धूम पूरे 10 दिनों तक देखने को मिलती है. अगर दुर्गा पूजा की बात की जाए तो यह बंगाल का सबसे प्रमुख त्योहार है. मगर दुर्गोत्सव को देशभर में मनाया जाता है. वैसे तो बंगाल में दुर्गा के दौरान सिंदूर खेला जाता है और धुनुची नाच, गुजरात में गरबा नृत्य और कुल्लू-मनाली में दशहरा की रौनक होती है.

इस बार दुर्गा पूजा 26 सितंबर से शुरू हो चुका है और 5 अक्टूर को विजयदशमी के साथ समाप्त हो जाएगा. इस खास मौके को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए भक्त मंदिर, कम्यूनिटी हॉल और मोहल्ले में बड़े-बड़े पंडालों का निर्माण करते है. इन जगहों पर मां दुर्गा की विशाल मुर्ति की स्थापना की जाती है, जिसके दर्शन के लिए लोग पंडाल में पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ेंः Festival List: जानें, कब है दिवाली, दशहरा, धनतेरस, करवा चौथ? देखें त्योहारों की पूरी लिस्ट

मां दुर्गा के साथ क्यों रखी जाती अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां   

हर साल दुर्गा पूजा के दौरान लगने वाले पंडालों में आपने देखा होगा कि मां दुर्गा के साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी स्थापित किया जाता है. तो चलिए आज जानते हैं कि आखिर क्यो मां दुर्गा के साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति को क्या स्थापित की जाती है और क्या है इसका महत्व है. यह तो आस सभी लोग जानते हैं कि मां दुर्गा में मां दुर्गा के साथ देवी सरस्वती, मां लक्ष्मी, श्रीगणेश और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति स्थापित की जाती है.

इसी के साथ मां दुर्गा के साथ असुर महिषासुर के मूर्ति की भी स्थापना की जाती है. मां लक्ष्मी और गणेशजी की प्रतिमा को मां दुर्गा के बाईं ओर रखा जाता है और मां सरस्वती और भगवान कार्तिकेय को मां दुर्गा के दाईं ओर स्थापित किया जाता है. इसके बाद मां दुर्गा की सिंह पर सवार होती है और उनके नीचे असुर महिषासुर की प्रतिमा होती है, जिसका वध करते हुए मां दुर्गा को दर्शाया गया है.

ये भी पढ़ेंः Navratri kanya Pujan: नवरात्र में इस उम्र की कंजक का करें पूजन, उम्र से जानें माताओं के नौ स्वरूप

पंडाल में अन्य देवी-देवता की मूर्ति का महत्व

हिंदू धर्म के अनुसार, मां दुर्गा के पंडाल में अन्य देवी-देवताओं की पूजा को लेकर धार्मिक मान्यता है कि देवी मां अपने महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के स्वरूप में गणपति और कार्तिकेय को लेकर दुर्गा पूजा में पूरे दस दिनों के लिए पीहर आती हैं और इसलिए दुर्गा पूजा में मां दुर्गा के साक श्रीगणेश, भगवान कार्तिकेय, देवी सरस्वती और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

Trending news