नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापा, सोनिया-राहुल से पूछताछ के बाद ED का अगला एक्शन
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नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापा, सोनिया-राहुल से पूछताछ के बाद ED का अगला एक्शन

नेशनल हेराल्ड से जुड़े केस में ईडी राहुल गांधी और सोनिया गांधी से कई दौर की पूछताछ कर चुकी है. सोनिया गांधी से पिछले हफ्ते पूछताछ के लिए बुलाया गया था. उनसे ईडी ने करीब 100 से ज्यादा सवाल पूछे थे. 

नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापा, सोनिया-राहुल से पूछताछ के बाद ED का अगला एक्शन

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) मामले में सोनिया और राहुल (Rahul Gandhi and Sonia Gandhi) से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी की टीम ने दिल्ली (Delhi) के हेराल्ड हाउस पर छापेमारी की. दस्तावेजों की तलाश में नेशनल हेराल्ड के ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे. इस दौरान 10 जनपथ पर हुई बैठक के दस्तावेजों की भी तलाश की जा रही है. इस मामले से जुड़े कई अहम लोगों के यहां भी छापेमारी हो सकती है. फिलहाल नेशनल हेराल्ड और नवजीवन के ऑफिस हेराल्ड हाउस में छापेमारी (Raids at Herald House) की जा रही है. ईडी ने कुल 12 जगहों पर छापा मारा है.

इससे पहले 27 जुलाई को ही ED ने सोनिया गांधी से करीब 11 घंटे तक सवाल-जवाब किया था. यह पूछताछ 3 दिनों तक चली थी. इस दौरान ED ने सोनिया से हेराल्ड से जुड़े 100 से ज्यादा सवाल पूछे थे. सोनिया से पहले ED राहुल गांधी से भी 50 घंटे से ज्यादा की पूछताछ कर चुकी है. हालांकि सोनिया गांधी और राहिल गांधी से किए गए पूछताछ पर कांग्रेस जोरदार विरोध कर रही है. वहीं एक वीडियो भी सामने आया जिसमें सोनिया गांधी ने बीजेपी को निशाना बनाया था. उन्होंने कहा, 'मैं इन्दिरा की बहू हूं, किसी से नहीं डरती', ED की पूछताछ से पहले सोनिया गांधी का यह वीडियो वायरल हो रहा है. वहीं राहुल गांधी ने कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हैं.

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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड एक न्यूज पेपर है जिसे पंडित नेहरू ने साल 1938 में शुरू किया था. इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजीएल के पास था. लेकिन 70 साल बाद साल 2008 में घाटे की वजह से अखबार को बंद करना पड़ा. आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति से कांग्रेस के फंड से 90 करोड़ का लोन एजीएल को दिया गया. बाद में सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया नाम से एक कंपनी बनाकर इस अखबार की संपत्ति पर कब्जा कर लिया. यंग इंडिया में सोनिया और राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा और आस्कर फर्नांडिस की भी हिस्सेदारी थी. दोनों का निधन हो गया. साल 2012 में सुब्रमण्यन स्वामी की ओर से एक याचिका दाखिल कर इस पूरे कथित सौदे पर सवाल उठा दिए. साल 2014 में सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट से समन जारी हुआ. इसके बाद ईडी इस मामले में जांच कर रही है. वहीं साल 2015 में दोनों नेताओं को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत भी दी गई है. जबकि साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ने नेताओं को कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश न होने की इजाजत दे दी लेकिन केस को बंद नहीं किया.

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