Aadhar Card Crime: आधार सेवा केंद्र की आड़ में बना रहे थे फर्जी सरकारी डाक्यूमेंट्स, तीन हुए गिरफ्तार
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Aadhar Card Crime: आधार सेवा केंद्र की आड़ में बना रहे थे फर्जी सरकारी डाक्यूमेंट्स, तीन हुए गिरफ्तार

Aadhar Card Crime: पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि अटल सेवा केंद्र व आधार सेवा केंद्र पर फर्जी कार्ड बनाने की सूचना मिली थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिन लोगों के एड्रेस के प्रमाण नहीं हैं. उनके भी फर्जी तरीके से कार्ड बनाए जा रहे थे. 

Aadhar Card Crime: आधार सेवा केंद्र की आड़ में बना रहे थे फर्जी सरकारी डाक्यूमेंट्स, तीन हुए गिरफ्तार

Panipat Fake Stamp: अटल सेवा केंद्र व आधार सेवा केंद्र की आड़ में लोगों के फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने सोमवार को तीन दिन के रिमांड के बाद कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने मामले में और खुलासों के लिए अदालत से दोबारा रिमांड की मांग की. अदालत ने मामले को देखते हुए एक दिन का रिमांड मंजूर किया है. रिमांड के दौरान पुलिस अब इस मामले में निगम के तीन पार्षदों की भूमिका की भी जांच कर रही है. तीनों को जांच में शामिल किया जाएगा. इसमें उनकी संलिप्तता की जांच की जाएगी. अगर किसी फर्जी कागजात पर पार्षद के असल हस्ताक्षर पाए जाते हैं तो इस मामले में पार्षदों की भूमिका भी सामने आ सकती है. अब जिन लोगों के कागजात बरामद हुए हैं पुलिस उन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. संबंधित विभागों को भी इस बारे में पत्र लिखा जा रहा है. 

पुलिस को मिली थी जानकारी
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि अटल सेवा केंद्र व आधार सेवा केंद्र पर फर्जी कार्ड बनाने की सूचना मिली थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिन लोगों के एड्रेस के प्रमाण नहीं हैं. उनके भी फर्जी तरीके से कार्ड बनाए जा रहे थे. उन्होंने बताया कि सेंटर संचालक रोहित जैन, साहिल जैन व विजय को पकड़ा गया था. उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से कुछ लैपटॉप, स्केनर डिवाइस, पार्षदों की मोहर के अलावा प्रिंटिंग मशीन अन्य सामग्री बरामद हुई थी. 

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आरोपियों पर की जाएगी कार्रवाई
अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपियों से गहनता से जांच की जा रही है कि किस तरह से वोटर कार्ड, आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाते थे. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पार्षदों की मोहर से डाक्यूमेंट्स को सर्टिफाइ करने का काम करते थे. उन्होंने बताया कि अपने आप ही मोहरों का प्रयोग कर डॉक्यूमेंट अपलोड कर देते थे. अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि अभी तक की जांच में किसी भी पार्षद के शामिल होने की बात सामने नहीं आई है. उन्होंने बताया कि पार्षदों से हस्ताक्षरों की पूछताछ की जाएगी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी 500 से 5000 तक कार्ड बनाने के पैसे लेते थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से 170 आधार कार्ड, 60 पैन कार्ड व वोटर कार्ड मिले हैं. इस मामले में विधायक प्रमोद विज ने कहा कि आरोपियों के पास से जिन पार्षदों की मोहर बरामद हुई है. ये जांच के बाद सब सामने आ जायेगा. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने गलत काम किया है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

Input- RAKESH BHAYANA