फरीदाबाद नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले के मामले में आज ऑडिट विभाग के 9 अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं. इस मामले में निगम के अधिकारियों ने बिना काम के ही ठेकेदार को 200 करोड़ रुपये दे दिए थे.
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विनोद लांबा/फरीदाबाद: फरीदाबाद नगर निगम के चर्चित 200 करोड़ रुपये बिना काम के भुगतान मामले के दौरान ऑडिट विभाग के सभी 9 अधिकारी सस्पेंड चंडीगढ़ मुख्यालय भेज दिया गया. नगर निगम में चर्चित 200 करोड़ घोटाले के मामले में पूर्व मुख्य अभियंता डीआर भास्कर को राज्य सतर्कता ब्यूरो (Vigilance) ने गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने 6 दिन के रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. इस मामले में विजिलेंस ने 2 केस दर्ज किए थे, जिसमें ठेकेदार सतवीर. पूर्व मुख्य अभियंता डीआर भास्कर और रमन शर्मा समेत कई नाम शामिल है. 6 अप्रैल को विजिलेंस ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी. उसने हरिद्वार से ठेकेदार सतवीर को गिरफ्तार किया था.
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सके बाद डीआर भास्कर फरार चल रहे थे. इस बीच मामले में तीसरे आरोपी रमन शर्मा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके साथ-साथ दीपक को भी गिरफ्तार किया गया. बता दें कि पिछले 1.5 साल से इस पूरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद विजिलेंस जांच कर रही है. इस पूरे मामले में एसआईटी (SIT) गठित की गई थी. हरियाणा विधानसभा में भी इस मामले को उठाने वाले कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने मामले में लिप्त अन्य भ्रष्टाचारी अधिकारियों को गिरफ्तार करने की मांग की.
मई 2020 में नगर निगम के तत्कालीन पार्षद दीपक चौधरी, दीपक यादव ,महेंद्र सरपंच, सुरेंद्र अग्रवाल ने नगर निगम में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया था. तत्कालीन पार्षदों ने तत्कालीन निगमायुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतवीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है. निगमायुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई और ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर विजिलेंस से जांच की सिफारिश की थी.
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