सरकार बागवानी विभाग की द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सब्सिडी दे रही है. प्रगतिशील किसान दयाकिशन का कहना है कि वह तकरीबन डेढ़ एकड़ में मशरूम की खेती कर रहे है और इसका फायदा भी उन्हें मिल रहा है. मशरूम की खेती के लिए कम्पोस्ट खाद तैयार की जाती है.
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Palwal: हरियाणा सरकार लगातार किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में लगी हुई है. किसानों को परम्परागत खेती को छोड़ कर तकनीकी के साथ दूसरी खेती की तरफ प्रोत्साहित किया जा रहा है. मशरूम की खेती करके किसान मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. पलवल का एक किसान करीब ₹6 लाख महीने मशरूम की खेती से कमा रहा है. आज के समय में किसान परम्परागत खेती को छोड़ मशरूम की खेती करके अपनी आय दोगुनी कर रहे है. सरकार द्वारा मशरूम की खेती करने वाले किसानों को 40 प्रतिशत तक की अनुदान राशि दी जा रही है. जिला में इस समय 35 से ज्यादा किसान मशरूम की खेती कर रहे है.
सरकार बागवानी विभाग की द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सब्सिडी दे रही है. प्रगतिशील किसान दयाकिशन का कहना है कि वह तकरीबन डेढ़ एकड़ में मशरूम की खेती कर रहे है और इसका फायदा भी उन्हें मिल रहा है. मशरूम की खेती के लिए कम्पोस्ट खाद तैयार की जाती है. उन्होने बताया है कि मशरूम की खेती करने के लिए उन्होंने 6 रूम बनाए हुए है, जिसमें वह खेती कर रहे हैं. प्रतिदिन 600 किलोग्राम मशरूम का उत्पादन किया जाता है. मशरूम का बाजार में काफी अच्छा रेट मिल जाता है. हर महीने 6 लाख रुपए तक की आमदनी कमा रहे है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि परंपरागत खेती को छोड़कर मशरूम की खेती करें और अपनी आमदनी को बढ़ाएं
मशरूम के प्रोजेक्ट को एक सप्ताह में तैयार किया जाता है. इसे पकने के लिए तकरीबन एक सप्ताह का समय लगता है. वहीं मशरूम के लिए कम्पोस्ट खाद को दस किलो के बैग में भरकर कमरे में भरा जाता है. एक कमरे में तीन हजार बैग आ जाते है. वहीं मशरूम के कमरे का तापमान खेती के अनुरूप किया जाता है. मशरूम की फसल एक महीने में तैयार हो जाती है. मशरूम की फसल की कटिंग की जाती है. मशरूम की फसल तीन बार आती है. इसके बाद मशरूम की पैकिंग कर बाजार में भेजा जाता है. बाजार में मशरूम का रेट डेढ़ सौ रुपए तक मिल जाता है. मशरूम की मांग आजादपुर मंडी, फरीदाबाद व गुरुग्राम में दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. किसान मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
जिला उद्यान विभाग के अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि मशरूम की खेती करना किसानों की आय को बढ़ाने का सबसे अच्छा साधन है. जो किसान अपनी आय को बढ़ाना चाहते है वह किसान मटर मशरूम की खेती करके अपनी आय को बढ़ा सकते है. मशरूम की खेती करने पर किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है.