Haryana Education: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा बोर्ड ऐसी भावी योजनाएं तैयार कर रहा है, जिससे बच्चों को नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए गुणवत्तापरक की शिक्षा दी जा सकेगी. कौशल एवं रोजगार आधारित शिक्षा प्रणाली शुरू करने से बच्चों में कुशलता का विकास होगा और उनकी प्रतिभा और निखरेगी.
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Haryana Education: हरियाणा स्कूली शिक्षा में अभूतपूर्व परिवर्तन की तैयारी की जा रही है. इसके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने कमर कस ली है. बोर्ड ने शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इंटरनेशनल बैकलॉरिएट से एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इंटरनेशनल बैकलॉरीएट (आईबी) नामक संस्था इंटरनेशनल एजुकेशन में एक ग्लोबल लीडर है जो कि कई देशों में स्कूली शिक्षा को लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ जिज्ञासु, आत्मविश्वासी बनाने के लिए भी कौशल विकसित करने में मदद करता है.
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की उक्त पहल के अलावा विभिन्न उपलब्धियों एवं गतिविधियों को लेकर बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वी.पी. यादव ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री को बोर्ड अध्यक्ष ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड एवं इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) के मध्य हुए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) बारे विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस MoU के तहत राजकीय तथा अराजकीय विद्यालयों में से कुछ अध्यापकों को मास्टर ट्रेनर के तौर पर चयनित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा.
MoU एमओयू से अध्यापकों के अध्यापन-स्तर में सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी उत्तम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकेगी. इंटरनेशनल बैकलॉरिएट द्वारा अर्ली-ईयर प्रोग्राम, प्राइमरी- ईयर प्रोग्राम, मिडल-ईयर प्रोग्राम तथा इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्रोग्राम समेत कुल 4 प्रोग्राम संचालित किये जाएंगे, इन प्रोग्राम्स को प्रथम चरण में 20 विद्यालयों में पायलट तौर पर चलाया जाएगा. सफलता के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. इंटरनेशनल बैकलॉरिएट के साथ हुए समझौते के बाद अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के प्रमाण-पत्रों पर स्विट्जरलैंड बोर्ड के भी हस्ताक्षर होंगे.
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उन्होंने आगे कहा कि पहले हरियाणा प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब प्रदेश के छात्र-छात्राओं को अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों तथा कॉलेजों में आसानी से प्रवेश मिल सकेगा, क्योंकि इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) को लगभग सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषदों व अन्य संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है. मनोहर लाल को डॉ. यादव ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार करने के लिए सैंपल पेपर, करिकुलम डॉक्यूमेंट, लेसन प्लान, मार्किंग स्कीम इत्यादि बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दी है, जिससे विद्यालयों को बेहतरीन मार्गदर्शन मिलेगा और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आएगा तथा बेहतर परिणाम देने में विद्यालय सक्षम होंगे.
उन्होंने यह भी बताया कि इस बार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा सभी परीक्षाओं के परिणाम एक रिकार्ड समय में दिए जा रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए वर्ष- 2004 से मर्सी चांस दिया गया है. उन्होंने आगे बताया कि ऐसा पहली बार हुआ कि मार्च- 2023 की परीक्षाओं से वंचित रहे खिलाड़ियों एवं मेडिकल कारणों से परीक्षा न देने वाले परीक्षार्थियों के लिए अप्रैल- 2023 में एक विशेष परीक्षा का आयोजन करवाया गया, यह कार्य करने वाला हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड देश का पहला बोर्ड है.
उन्होंने बताया कि शिक्षा बोर्ड में कार्यरत सभी अधिकारी/कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एवं उनकी समस्याओं के निदान हेतु जनवरी माह से ‘सीधा संवाद कार्यक्रम’ की शुरुआत की. यह कार्यक्रम प्रत्येक माह के द्वितीय शुक्रवार को किया जा रहा है तथा इस संवाद कार्यक्रम में सभी की समस्याओं का निदान किया जाता है तथा बोर्ड में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की जितनी भी पदोन्नति दी थी, वह कर दी गई है.
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डॉ. यादव ने आगे बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा बोर्ड ऐसी भावी योजनाएं तैयार कर रहा है, जिससे बच्चों को नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए गुणवत्तापरक की शिक्षा दी जा सकेगी. शिक्षण संस्थाओं में डिजिटल माध्यमों का प्रयोग सुनिश्चित करने से छात्र विश्व स्तरीय शिक्षा का भी लाभ उठा पाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सभी शिक्षण संस्थाओं में पाठ्यक्रमों को विद्यार्थियों की रूचि अनुसार तैयार कर कौशल एवं रोजगार आधारित शिक्षा प्रणाली शुरू करने से बच्चों में कुशलता का विकास होगा और उनकी प्रतिभा और निखरेगी.
उन्होंने कहा कि डिजिटल शिक्षा के साथ-साथ मूल्य आधारित शिक्षा देने पर भी जोर दिया जा रहा है। इससे बच्चों को भारतीय मूल्यों और समृद्ध संस्कृति का ज्ञान होगा. बच्चे ऐसी शिक्षा प्राप्त कर जहां भी जाएंगे वहीं वे भारतीय संस्कृति के अनुसार आचरण कर सदाचारी एवं चरित्रवान बनेंगे.
(इनपुटः विजय राणा)