सिख धर्म में गुरु गोविंद सिंह का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. आपको बता दे कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने सिख धर्म के लिए कई नियम बनाए, जिनका पालन आज भी सिख धर्म के लोग पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु के रूप में स्थापित किया था.
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आज के दिन यानी 17 जनवरी को सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती है. इस मौके पर सिख धर्म के लोग उनकी जयंती को बड़े धूमधाम के साथ पूरे देश भर में मनाते हैं. गुरु गोविंद सिंह सिख धर्म के अंतिम गुरु थे. सिख धर्म में गुरु गोविंद सिंह का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. आपको बता दे कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने सिख धर्म के लिए कई नियम बनाए, जिनका पालन आज भी सिख धर्म के लोग पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु के रूप में स्थापित किया था. गुरु गोविंद सिंह जी ने सामाजिक समानता का पुरजोर समर्थन किया था.
वह हमेशा भेदभाव के खिलाफ खड़े हुए, इसलिए लोगों के लिए एक महान प्रेरणा के रूप में उभरे. वे सिख धर्म के 9वे गुरु तेज बहादुर के पुत्र थे. शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ था. गुरु गोविंद सिंह की कई सारी ऐसी खूबियां थीं, जिनको लेकर समाज में उनकी अच्छाइयों के लिए आज भी उन्हें बड़ी श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है.
इसी क्रम में आज दिल्ली के ग्रेटर कैलाश हेमकुंड कॉलोनी में स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारे में सिख धर्म के लोगों ने गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया. इस मौके पर हेमकुंड कॉलोनी के आरडब्ल्यूए मेंबर हरजीत सिंह वाइस प्रेसिडेंट,अजय महिपाल जनरल सेक्रेटरी,कपिल पावा सेक्रेटरी,कमल पॉल वाइस प्रेसिडेंट ने गुरुद्वारे में जाकर मथा टेककर उनके सामने अर्जी लगाई. वही आज गुरु गोविंद सिंह की जयंती के मौके पर हेमकुंड कॉलोनी आरडब्ल्यूए की ओर से लोगो के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया.
ऐसा कहा जाता है कि सिखों के लिए 5 चीजें- बाल, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करने का आदेश गुरु गोबिंद सिंह जी के द्वारा ही दिया गया था. इसके बाद से ही सिख धर्म के लोग इन सब चीजों को मानने लगे.इ न चीजों को ''पांच ककार'' कहा जाता है, जिन्हें धारण करना सभी सिखों के लिए अनिवार्य होता है.
इनपुट: मुकेश सिंह