नई दिल्ली : देश की विभिन्न कोर्ट में हर रोज कई दिलचस्प मामले और उन पर कोर्ट के अनोखे फैसले सामने आते हैं, लेकिन अगर केस पति-पत्नी के बीच जुड़े विवाद से जुड़ा हो तो देखा गया है अक्सर कोर्ट दंपति के बीच हुए सेटलमेंट पर मुहर लगा देता है. ऐसे ही एक मामले में कोर्ट ने एक शख्स को दोनों पत्नियों सप्ताह में तीन-तीन दिन साथ रखने का फैसला सुनाया. इतना ही नहीं कोर्ट ने उस शख्स को पर्सनल स्पेस देने के लिए रविवार का दिन दिया. 


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ऑफिस में काम करने वाली लड़की से प्यार और फिर शादी 
काउंसलर हरीश दीवान ने एक मीडिया हाउस को बताया कि 28 साल की सीमा की शादी 2018 में गुरुग्राम में काम करने वाले एक इंजीनियर से हुई थी. दोनों दो साल तक साथ रहे और इस दौरान उनका एक बेटा भी हुआ. 2020 में जब कोरोना की वजह से सरकार ने लॉकडाउन लगाया तो इंजीनियर पत्नी सीमा को इसके गृहनगर ग्वालियर छोड़ आया. इधर वक्त गुजरने के साथ इंजीनियर ऑफिस में काम करने वाली एक युवती के संपर्क में आया और एक-दूसरे को दिल दे बैठे. दोनों साथ रहने लगे और फिर शादी करने का फैसला कर लिया. दूसरी शादी से इंजीनियर को बेटी हुई.


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जब इस बात की जानकारी सीमा को हुई तो वह गुरुग्राम आई. पति-पत्नी में काफी झगड़ा हुआ. इसके बाद सीमा ग्वालियर लौट गई और अपने हुए बेटे के गुजाराभत्ता की मांग करते हुए केस फाइल कर दिया. नोटिस मिलने के बाद इंजीनियर और दूसरी पत्नी में भी रिश्ते बिगड़ने लगे. 


समझौते पर जाकर केस खत्म 
इंजीनियर ने पहली पत्नी को समझाया कि वह गुजाराभत्ता में पर्याप्त राशि उसे नहीं दे पाएगा और उसके बेटे का भविष्य खराब हो जाएगा. दोनों को कई बार परामर्श सत्र में बुलाया गया. फैमिली कोर्ट ने उन्हें समझौता करने का मौका दिया, जिस पर सीमा मान गई. 
 
समझौता यह हुआ कि इंजीनियर पति को सप्ताह को तीन भागों में बांटना होगा. इसका मतलब यह था कि सप्ताह के तीन दिन इंजीनियर पहली पत्नी सीमा और उनके बेटे की देखभाल करेगा और तीन दिन वह दूसरी पत्नी और बेटी की देखभाल करेगा. कोर्ट ने कहा कि दोनों पत्नियों को गुरुग्राम में ही अलग-अलग फ्लैट में रखा जाए, ताकि इंजीनियर दोनों के साथ चैन से रह सकें। इसके अलावा रविवार का दिन इंजीनियर के लिए छोड़ा गया.