Haryana Kisan: युवा किसान सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर खेती में मुनाफा कमा रहे हैं. युवा किसान ने आगे बताया कि आज के समय उसकी फसल बेहतर उत्पादन दे रही है. मशरूम की खेती में सरकार की तरफ से सब्सिडी मिल रही है. उसे अलग-अलग योजनाओं में लाखों रुपये की सब्सिडी मिली है.
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Haryana Kisan: सोनीपत के गांव सिलाना में युवा किसान सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर खेती में मुनाफा कमा रहे हैं. खेती में हो रहे मुनाफे को लेकर वह दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. हाल में युवा किसान मशरूम की खेती कर रहा है. खेती के दौरान उसकी कई योजनाओं से लाभ प्राप्त हुआ है. वहीं जिला बागवानी अधिकारी भी लोगों को प्राकृतिक खेती वह बागवानी खेती करने के लिए जागरुक कर रहे हैं, जिले में काफी संख्या में ऐसे किस है जो सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर खेती को मुनाफे का साधन बन चुके हैं.
गांव सिलाना निवासी युवा किसान अंकित ने बताया कि वह हाल में मशरूम का उत्पादन कर रहा है. जो की बहुत लाभदायक है. युवा किसान ने बताया कि उसने मशरूम कि खेती 1 दिसंबर से शुरुआत की थी, जिसको लेकर उसने पहले मुरथल हैक से उसने ट्रेनिंग ली. उसके बाद सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए जिला बागवानी अधिकारी से मुलाकात की. उन्होंने खेती को लेकर उसे जागरूक किया. उसने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी कागजात विभाग को मुहैया करवाए.
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युवा ने आगे बताया कि उसके बाद उसे पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से लोन की प्रक्रिया पूरी की. आज के समय उसकी फसल बेहतर उत्पादन दे रही है. किसान ने बताया कि उसने हाल में एक कोर्स भी किया है, जिसके चलते खेती करते समय उसे लाभ पहुंचा है. किसान ने बताया कि मशरूम की खेती में सरकार की तरफ से सब्सिडी मिल रही है. उसे अलग-अलग योजनाओं में लाखों रुपये की सब्सिडी मिली है.
युवा किसान ने बताया कि हरियाणा बिजली निगम की तरफ से बिजली जो यूनिट है वह बहुत महंगी पड़ती है. मशरूम उत्पादन में बिजली खपत ज्यादा है. अगर उसे मशरूम की खेती के साथ सोलर पर सब्सिडी मिल जाए तो यह खेती और भी मुनाफे का फायदा दे सकती है. युवा किसान ने संदेश देते हुए कहा कि खेती को आधुनिक तरीके से करें तो यह बेहद मुनाफा दे सकती है. हर किसी को नौकरी नहीं मिल सकती.
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उन्होंने कहा कि बिजनेस के तौर पर देखते हुए युवाओं को खेती करनी चाहिए. धान व गेहूं की खेती छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ से युवाओं को काम करने की आवश्यकता है. सरकार अलग-अलग फसलों पर अनेक योजनाएं लागू कर रही है, जिसका फायदा उठाना चाहिए. मशरूम की खेती करने से दो-तीन साल के अंदर हुए खर्च की वापसी हो जाती है और एक मुनाफे का साधन खेती बन जाती है.
जिले के बागवानी अधिकारी डॉ. राकेश ने बताया कि सरकारी योजनाओं को बखूबी से किसानों के बिच जाकर जागरूक करने का काम किया जा रहा है, जिले के बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो सरकारी वह विभाग की योजनाओं का फायदा उठाकर गेहूं धान की खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ बड़े हैं, जिसमे मशरूम की खेती करना किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो रहा है, जिले में स्थित केंद्र पर किसानों को समय-समय पर ट्रेनिंग देने का काम भी किया जाता है.
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उन्होंने आगे कहा कि जिले में मशरूम की खेती करने वाले किसानों पर पक्के सेड की तरफ रुझान बढ़ता जा रहा है, जिसमें पूरा साल मशरूम की खेती की जा सकती है, जिसको लेकर 8 लाख रुपये की यूनिट लगती है. किसानों को 40% सब्सिडी दी जाती है. सरकार बाय विभाग द्वारा चलाई जा रही विभागीय योजनाओं में अलग-अलग लाखों रुपये की सब्सिडी मुहैया करवाई जाती है. 20 दान करने वाले किसानों को ₹700000 का अनुदान विभाग द्वारा दिया जाता है.
सोनीपत एक ऐसा ऐप है जहां पर हॉर्टिकल्चर योजनाओं को लागू किया जा रहा है. गन्नौर क्षेत्र में मुख्यमंत्री की तरफ से सब्जी लगाने वाले किसानों को 5000 प्रति एकड़ यह योजना के तहत दिया जा रहा है, जिसका लाभ 1 जनवरी, 2024 से देना शुरू कर दिया गया है. वहीं जिला कृषि अधिकारी ने अलग-अलग योजनाओं के बारे में बताते हुए प्रकाश डाला कि विभाग व सरकार की तरफ से किसानों के लिए कृषि विभाग की तरफ से अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही है. मेरा पानी मेरी विरासत योजना, मेरी फसल मेरा ब्योरा सहित प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों को समय-समय पर जागरूक करने का काम किया जा रहा है.
(इनपुटः सुनिल कुमार)