Haryana News: ये फसल खराब होने पर हरियाणा के किसानों को मिलेगा 12.5 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा- डिप्टी सीएम
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Haryana News: ये फसल खराब होने पर हरियाणा के किसानों को मिलेगा 12.5 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा- डिप्टी सीएम

Haryana Hindi News: दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अगर फसल में नुकसान की सीमा 25 से 50 प्रतिशत है तो 7000 रुपये प्रति एकड़, 50 से 75 प्रतिशत नुकसान में 9000 रुपये प्रति एकड़ तथा 75 और इससे अधिक प्रतिशत नुकसान होने पर फसल की मुआवजा 12500 रुपए प्रति एकड़ दिया जाता है. 

Haryana News: ये फसल खराब होने पर हरियाणा के किसानों को मिलेगा 12.5 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा- डिप्टी सीएम

Haryana News: हरियाणा सरकार के मानदंडों, निर्देशों के अनुसार चल रही बाजरे की फसल में नुकसान की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजे का वितरण तुरंत किया जाएगा. इसकी जानकरी डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाना ने दी. उन्होंने बताया कि बाजरे की फसल में नुकसान चाहे कीट हमले से हुआ हो या बाढ़ के कारण हुआ हो, किसानों का मुआवजा दिया जाएगा. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में बाजरे की फसल राज्य के 13 जिलों जिनमें महेंद्रगढ़, दादरी, रेवाड़ी, भिवानी, झज्जर, पलवल, गुरुग्राम, मेवात, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और जींद में 11,89,214 एकड़ क्षेत्र में बोई गई थी. उन्होंने बताया कि जब वैज्ञानिकों को जानकारी मिली तो चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) हिसार ने 12 जुलाई 2023 को बालों वाली सुंडी के प्रबंधन के लिए एक सलाह जारी की थी.

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए बताया कि हेलिकोवर्पा आर्मीजेरा (अमेरिकन सुंडी) के प्रकोप पर एचएयू ने 8 अगस्त 2023 को महेंद्रगढ़ जिला के अटेली खंड के 20 स्थानों पर विशेषज्ञों के माध्यम से एक सर्वेक्षण किया. इन 20 स्थानों में से 18 पर अमेरिकन सुंडी का हमला 0-25 प्रतिशत के बीच देखा गया. विशेषज्ञों ने देखा कि जहां यह सुंडी आमतौर पर कपास, टमाटर और चने की फसलों पर हमला करती है, वहीं इसने मई और जून 2023 में बोई गई बाजरा की फसल पर हमला किया है. हरियाणा में बुआई के लिए एचएयू का मानक अनुशंसित समय जुलाई के पहले पखवाड़े में है, परंतु पूरे अटेली खंड में तुलनात्मक रूप से बहुत जल्दी यानी मई के आखिरी सप्ताह से जून के प्रथम सप्ताह में फसल बोई गई थी.

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उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अमेरिकन बॉलवर्म का प्रकोप महेंद्रगढ़, भिवानी, रेवाड़ी, चरखी दादरी और झज्जर जिलों में भी देखा गया. एचएयू द्वारा 09 अगस्त 2023 को कृषि विभाग को एक सलाह जारी की गई थी और सभी जिला मुख्यालयों को इसे उपचारात्मक, सुरक्षात्मक उपायों को अपनाने के लिए अवगत कराया गया था. बाजरे की फसल में हेलिकोवर्पा आर्मीजेरा सहित कीड़ा-कीट की निगरानी और नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने कुल 1793 कैंप लगाए गए. इनमें भिवानी जिला में 622, चरखी दादरी में 113, झज्जर में 428, रेवाड़ी में 348, गुरुग्राम में 18, महेंद्रगढ़ में 264 कैंप लगाए गए. डिप्टी सीएम ने आगे यह भी बताया कि विभाग द्वारा प्रभावित जिलों को 17 लाख रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया. फसल की ऊंचाई लगभग 7-9 फीट होने के कारण फसल पर स्प्रे करने के लिए ड्रोन का प्रयोग करने का प्रयास अव्यवहारिक पाया गया क्योंकि अधिक ऊंचाई से स्प्रे करने पर स्प्रे प्रभावी नहीं होता.

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एचएयू हिसार द्वारा जारी सलाह के अनुसार भारत सरकार के केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड ने वैसे तो बाजरे की फसल में किसी भी रसायन के स्प्रे करने की सिफारिश नहीं की है. हांलाकि कुछ कीटनाशक हैं जिन्हें एचएयू की प्रथाओं के पैकेज अनुसार हेलिकोवर्पा आर्मीजेरा के प्रबंधन के लिए कपास और चने की फसल में अनुशंसित किया है. उन्होंने बतााय कि एचएयू ने स्पष्ट रूप से सलाह दी कि अनाज भरने के चरण में या परिपक्व होने वाली फसल पर कीटनाशकों का छिड़काव करने से अनाज और चारे पर अवशिष्ट प्रभाव पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव पड़ेगा.

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बतााय कि कृषि विभाग द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार कीट के हमले के कारण बाजरे की बुआई के कुल 11,89,214 एकड़ क्षेत्र में से 3,02,344 एकड़ क्षेत्र प्रभावित पाया गया है. यह नुकसान 6 जिलों नामत महेंद्रगढ़ में कुल बोए गए 2,49,655 एकड़ क्षेत्रफल में से 1,15,950 एकड़ प्रभावित, दादरी में कुल बोए गए 1,55,000 एकड़ में से 34,225 एकड़ प्रभावित, रेवाड़ी में कुल बोए गए 1,81,622 एकड़ में से 53,127 एकड़ प्रभावित, भिवानी में कुल बोए गए 1,70,075 एकड़ में से 81,500 एकड़ प्रभावित, झज्जर में कुल बोए गए 56,000 एकड़ में से 12,600 एकड़ प्रभावित और गुरुग्राम में कुल बोए गए 1,75,120 एकड़ में से 4,942 एकड़ फसल प्रभावित बताया गया है.

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साथ ही बताया कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा करवाया है, उन्हें फसल कटाई प्रयोगों के परिणाम के आधार पर फसल की उपज का आंकलन करने के बाद बाजरे की उपज में नुकसान की भरपाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के लिए उनके घर, पशुधन, फसलों और वाणिज्यिक चल संपत्ति के संबंध में नुकसान के लिए दावे प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को आसान बनाना, क्षति के सत्यापन और समयबद्ध तरीके से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से मुआवजे के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक पोर्टल https://eskhipurti.haryana.gov.in/ लॉन्च किया गया है. यह पोर्टल जनता के लिए अपने दावे अपलोड करने के लिए 25 अगस्त 2023 तक खुला रखा था.

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बाजरे में कीट के हमले के कारण 19 जिले अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, पानीपत, रेवाडी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर है. यहां 56,366 किसानों ने करीब 2,00,566 एकड़ क्षेत्र के लिए बाजरे की फसल के नुकसान के लिए मुआवजे का दावा अपलोड किया है. उन्होंने यह भी बताया कि कीट के हमले के अलावा अन्य कारणों से बाजरे की फसल को हुए नुकसान के लिए राज्य के सभी जिलों में 8,755 किसानों ने लगभग 14,480 एकड़ क्षेत्र में मुआवजे के दावे अपलोड किए हैं. हरियाणा सरकार के मानदंडों, निर्देशों के अनुसार चल रही सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजे का वितरण तुरंत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाजरे की फसल में नुकसान चाहे कीट हमले से हुआ हो या बाढ़ के कारण हुआ हो, राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (SDRF) मुआवजा मानदंड (प्रति किसान 2 हेक्टेयर की सीमा के अधीन) के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि अगर फसल में नुकसान की सीमा 25 से 50 प्रतिशत है तो 7000 रुपये प्रति एकड़, 50 से 75 प्रतिशत नुकसान में 9000 रुपये प्रति एकड़ तथा 75 और इससे अधिक प्रतिशत नुकसान होने पर फसल की मुआवजा 12500 रुपए प्रति एकड़ दिया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए प्रभावित किसानों को न्यूनतम सहायता कम से कम 1,000 रुपये प्रति किसान और सिंचित क्षेत्रों के लिए 2,000 रुपये प्रति किसान दी जाती है. उन्होंने आगे बताया कि दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों को कोई न्यूनतम सहायता प्रदान नहीं की जाएगी. इसके अलावा बीमा योजना के तहत फसल मुआवजा पाने वाला क्षेत्र एसडीआरएफ के तहत मुआवजे के लिए पात्र नहीं होगा.

INPUT: VIJAY RANA