जगदीश झींडा ने दिखाए तेवर, बोले-सरकार नवगठित HSGPC कमेटी भंग करे वरना उखाड़ फेंकेंगे
हाल ही में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन किया था जिसको लेकर जगदीश झींडा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि कमेटी को अगर 31 तारीख तक भंग नहीं किया जाता तो वो 1 तारीख तक अन्य कड़े कदम उठाने को बाध्य होंगे.
हरियाणाः हरियाणा सरकार ने हाल ही में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन किया था. सरकार द्वारा बनाई कमेटी को इसके पूर्व सदस्यों ने सिरे से नकार दिया, कहा कि नई कमेटी सिखों की मर्यादा अनुसार गलत है और किसी ने भी इस कमेटी को हरियाणा में स्वीकार नहीं किया है. नीम साहब गुरूद्वारा कैथल में हुई पूर्व मेंबर और साहिबानों की मीटिंग में यह बात कही गई. साथ ही अंबाला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जगदीश झींडा ने भी सरकार को 1 तारीख तक कमेटी भंग करने की नसीहत दी है.
ये RSS की कमेटी
नीम साहब गुरुद्वारा कैथल में हरियाणा सरकार द्वारा नए सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के गठन के बाद सिख कमेटी के पूर्व सदस्यों की मीटिंग हुई जिसकी अध्यक्षता कमेटी के पूर्व महासचिव स. जसबीर सिंह भाटी ने की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रधान व 11 मेंबर एडजैकटिव कमेटी का गठन किया गया है वह मान्य नहीं है. कमेटी में नामजद प्रधान महंत कर्मजीत सिंह न तो अमृतधारी सिंख हैं और न ही इस कमेटी को चलाने में सक्षम हैं. यह RSS की कमेटी है. जिसकी हम घोर निंदा करते हैं इससे यह पता चलता है कि हरियाणा सरकार हरियाणा के सिखों के धार्मिक मसलों में सीधा हस्तक्षेप कर रही है. मेरी हरियाणा के सिखों से अपील है कि इनके खिलाफ एकजुट होकर कमेटी को कैंसल करवाया जाए. हरियाणा के हर जिले में जाकर दुबारा से संर्घष करेंगे और सरकार द्वारा गठित RSS की नई कमेटी को जड़ से उखाड़ देंगे. नई कमेटी का गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी में कोई योगदान नहीं है. साथ ही ये भी कहा कि ये कमेटी हरियाणा की जनता ने भी स्वीकार नहीं किया है.
झींडा ने दी नसीहत
हरियाणा सरकार द्वारा नई कमेटी की गठन किया है जिसमें सिर्फ 7 सदस्य वो लिए गए हैं जिन्होंने अलग कमेटी के लिए संघर्ष किया है. जिसके बाद जगदीश झींडा को इस्तीफा देने की मांग उठने लगी है. इसी को लेकर आज अंबाला में जगदीश झींडा ने प्रेस कांफ्रेंस की. मीडिया से बातचीत करते हुए जगदीश झींडा ने कहा कि HSGPC में बनाई गई 38 मेंबर कमेटी को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए था. इस कमेटी के लिए सरकार को सिख कमेटी के सभी सदस्यों से बातचीत करनी चाहिए थी. अब 38 मेंबर कमेटी को भंग करने की मांग उठने लगी है. जगदीश झींडा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि कमेटी को अगर 31 तारीख तक भंग नहीं किया जाता तो वो 1 तारीख तक अन्य कड़े कदम उठाने को बाध्य होंगे.