कुलदीप के बाद बेटे भव्य बिश्नोई ने भी छोड़ी कांग्रेस, दादा के नाम का फल हुड्डा ने ही खाया
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कुलदीप के बाद बेटे भव्य बिश्नोई ने भी छोड़ी कांग्रेस, दादा के नाम का फल हुड्डा ने ही खाया

कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद उनके बेटे ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा की मेरे दादा की वजह से ही कांग्रेस हरियाणा में 4 बार सत्ता में आने में कामयाब रही. इसके बाद से हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति खराब हो गई.

 

कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई

चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के कद्दावर नेता आर आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई ने ट्वीट कर लिखा कि अलविदा कांग्रेस. इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट के साथ फत्र लिखा है.

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इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि 5 दशकों से अधिक समय से मेरे परिवार ने कांग्रेस की सेवा पूरी लगन और सत्यनिष्ठा से की है. इसके बाद भी कुछ लोग कहते हैं कि कांग्रेस ने हमें बहुत कुध दिया है. उन्होनें आगे लिखा कि मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मेरे दादा जी युगपुरुष स्वर्गीय चौधरी भजन लाल ने कांग्रेस पार्टी को सब कुछ दिया और ये सब जानते हैं कि हरियाणा में चौधरी भजन लाल ही असली कांग्रेस थे. हरियाणा में 4 बार कांग्रेस की सत्ता आई तो इसमें मेरे दादा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आखिरी बार 2005 में जब भूपेंद्र हुड्‌डा ने मेरे दादा के श्रम का फल बेशर्मी से खाया था तब से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में लगातार गिरावट आई है. वहीं प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है.

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को लोगों की परख थी. इसलिए मेरे दादा चौधरी भजन लाल ने दोनों के कार्यकाल में हरियाणा में अनगिनत कार्य किए. इसी तरह मेरे पिता कुलदीप बिश्नोई ने 2016 में हजकां का कांग्रेस में विलय इस उम्मीद में किया था कि उनकी क्षमताओं और लोकप्रियता को भी केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व स्वीकार करके पार्टी की संपत्ति के रूप में उनका उपयोग करेगा और यह एक उम्मीद नहीं थी, बल्कि पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी प्रतिबद्धता थी, जो पार्टी नेतृत्व द्वारा उनसे की गई थी, लेकिन पार्टी ने उनके साथ विश्वासघात किया. उनकी क्षमता को बर्बाद किया और किए गए वादों से गुकर गए.

उन्होंने आगे लिखा कि मेरे पिता पदों के लालची नहीं है बल्कि परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हरियाणा के लोगों के लिए न्याय के लिए सत्ता में बैठे लोगों को चुनौती देने में कभी संकोच नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व योग्यता की बजाए पैसा और दबाव को पुरस्कृत करता है. मेरा परिवार, जिसने हमेशा मानव सेवा के साधन के रूप में राजनीति का अनुसरण किया, कांग्रेस में घुटन महसूस कर रहा है. इसलिए ऊपर बताए गए कारणों से अपने मतदाताओं, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से परामर्श के बाद ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.