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नई दिल्ली: हरियाणा में जमीन की फर्द तैयार करने के लिए नया सॉफ्टवेयर लिया गया है. जिसके माध्यम से किसानों को अपनी जमीन की फर्द लेने के लिए पटवारखानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जो फर्द यानी जमाबंदी निकाली जाएगी, उस पर क्यू आर कोड अंकित होगा. क्यू आर कोड अंकित होने के कारण ही इस फर्द को वैरीफाइड डॉक्यूमेंट माना जाएगा. हरियाणा सरकार ने यह सॉफ्टवेयर केंद्र सरकार से खरीदा है और इस सॉफ्टवेयर से जो जमाबंदी निकाली जाएगी, उससे किसान लोन भी ले सकेंगे और पटवारी से हस्ताक्षर करवाने की भी जरूरत नहीं होगी. इसका ऐलान हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किया है.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अब पीले कार्ड बनवाने के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि आगामी 1 जनवरी से 1 लाख 80 हजार से कम आय वाले परिवारों की वैरीफाइड आय के आधार पर पीले कार्ड सुद ही बन जाएंगे.
उपमुख्यमंत्री मंगलवार को ऐलना को बाद उपमंडल के गांव मिठी सुरेरां में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कार्यक्रम में नवनिर्वाचित सरपंच-पंचों को बधाई देते हुए कहा कि गांवों में भाईचारा बनाए रखें और भाईचारे को कायम रखते हुए विकास पर अपना ध्यान दें. उन्होंने कहा कि सरकार ने टेक्नोलॉजी की मदद से न सिर्फ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है, बल्कि ऐसी व्यवस्था तैयार की है, जिससे अब लोगों को घर बैठे ही सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. इसके लिए अब दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते. हरियाणा की गठबंधन सरकार ने गांवों और शहरों के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है और ना ही भविष्य में किसी प्रकार की कोई कोर कसर छोड़ी जाएगी. ऐसा डिप्टी सीएम ने जनता से वायदा किया है.
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उन्होंने कहा कि पिछले 3 सालों से सरकार में लगातार गरीब और मजदूर वर्ग की भलाई और खुशहाली के लिए काम कर रहे हैं. इन प्रयासों का ही परिणाम है, जो बदलाव आया है, उससे हर वर्ग लाभान्वित हुआ है. अब किसानों को अपनी फसल के पैसों के लिए आढ़ती के पास जाने की जरुरत नहीं रह गई है, बल्कि किसानों के खातों में उनकी फसल की राशि सीधे डाली जाती है, वो भी 72 घंटे के भीतर. लोगों में भ्रम पैदा किया गया कि आढ़ती की दुकान बंद हो जाएंगी, लेकिन इससे न तो किसी आढ़ती की दुकान बंद हुई और न ही किसी आढ़ती को किसी प्रकार का नुकसान हुआ है. इस प्रकार के बदलाव से किसान पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है.
उन्होंने कहा कि पहले डीसी रेट की नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा का चलन था, जिससे कर्मचारियों की अकसर ठेकेदार को लेकर शिकायत रहती थी. अब सरकार ने ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया है, जिसके माध्यम से युवाओं को पारदर्शी ढंग से सरकारी नौकरी में आने का अवसर मिला है. इसमें गरीब परिवारों के बच्चों को पहले दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर भी सरकार पूरी तरह से गंभीर हैं. जिस परिवार की आय 1.80 लाख रुपये से कम है, उन परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं. ऐसे परिवार का सदस्य मेडिकल एमरजेंसी में देशभर में कहीं पर भी अपना इलाज करवा सकता है. हाल ही में सरकार ने किसानों के खाते में उनकी फसल खरीद की 12 हजार करोड़ रुपये की राशि सीधे 72 घंटों में डाली है. कृषि से संबंधित निर्णयों और योजनाओं से किसान पहले से और अधिक सशस्त हुआ है.
इस अवसर पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह, पूर्व मंत्री भागीराम, राजेंद्र लितानी, पूर्व विधायक कृष्ण कंबोज, जिला अध्यक्ष सर्वजीत मसीता, अंजनी लढा, सुरेंद्र लेघा, अशोक वर्मा, हरिसिंह भारी, सुरेंद्र बेनीवाल, डा. राधेश्याम शर्मा, तरमेश मिढा, सरदार जगरुप, अजय ओला, अनिल कासनिया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.