Haryana News: पानीपत के समालखा से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में जारी गिरफ्तारी के वारंट पर 12 अक्टूबर तक अमल नहीं होगा, लेकिन छोकर व उनके बेटे को रोजाना ईडी के सामने पेश होकर जांच में सहयोग देना होगा. हाई कोर्ट ने यह आदेश सोमवार को छोकर की याचिका पर जारी किया. लंबे समय तक बहस के दौरान इडी की तरफ से दलील दी गई कि छोकर जांच में सहयोग नहीं कर रहे. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई मुख्य याचिका के साथ 12 अक्टूबर तक स्थगित कर दी.


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ईडी ने की थी छापेमारी
मुख्य याचिका में छोकर ने बताया कि ईडी ने बीते दिनों उनके गुरुग्राम, दिल्ली व पानीपत में मौजूद आवास पर रेड की थी. मामला गुरुग्राम में जनवरी 2021 में दर्ज एक FIR से जुड़ा हुआ है. इस मामले में याची, उनके बेटों व अन्य पर धोखाधड़ी व ठगी के आरोप में FIR दर्ज की गई थी. शिकायत के आधार पर करोड़ों की ठगी के मामले में जांच की जा रही थी और इसी क्रम में ईडी ने यह कार्रवाई की थी. छोकर ने इस मामले से अपना कोई लेना देना न होने व इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश का नतीजा बताते हुए FIR को रद्द करने की मांग की थी.


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वारंट रद्द करने की मांग
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस मामले को खंडपीठ के समक्ष भेज दिया था. इस मामले में अब अर्जी दाखिल करते हुए छोकर ने पिछले दिनों ईडी के जारी किए हुए गिरफ्तारी के वारंट को रद्द करने की मांग की है. इस मांग का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि गिरफ्तारी के वारंट पर अमल न करने का आदेश एक तरह से अंतरिम जमानत जैसा होगा, जो मनी लंड्रिंग एक्ट के तहत इस अदालत द्वारा संभव नहीं है. हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद छोकर को जांच में शामिल होने के लिए रोजाना ईडी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है.


Input- Vijay Rana