हरियाणा पुलिस एसोसिएशन और आल इंडिया पुलिस मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलावर सिंह ने राज्य सरकार से पुलिस कर्मियों की मांगों को जल्द से जल्द हल किए जाने की अपील की है. अगर उनकी मांगों को जल्द ही नहीं माना गया तो आने वाले चुनावों में वो सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे.
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Haryana Police: हरियाणा पुलिस एसोसिएशन और आल इंडिया पुलिस मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलावर सिंह ने राज्य सरकार से पुलिस कर्मियों की मांगों को जल्द से जल्द हल किए जाने की अपील की है. अगर उनकी मांगों को जल्द ही नहीं माना गया तो आने वाले चुनावों में वो सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे. इस अवसर पर राजेंद्र सिंह तोमर महासचिव और अशोक कुमार कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित थे.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिलावर सिंह ने कहा कि वो पिछले काफी लंबे समय से पुलिस कर्मियों के हक और मांगों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, नेता विपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलकर अपनी मांगे रख चुके हैं, लेकिन कोरे आश्वासन के सिवाय कुछ नही मिला. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी अपने हक और मांगों को लेकर दर दर भटक चुके है.
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उन्होंने अपने बयाने में आगे कहा कि अभी तक कोई हल नही निकला. दूसरों को इंसाफ दिलाने वाला अब खुद अपने हक के लिए भटक रहा है. उन्होंने आगे अपनी मांगों को लेकर जिक्र करते हुए बताया कि मांगों में मुख्यतः पुलिस कर्मचारियों को 1970 से लागू तीसरे वेतन आयोग में कोई भी लाभ संशोधन न किया जाना है. हरियाणा पुलिस वेतन विसंगतियां दूर करते हुए बेसिक पे रुपये 49400 की जाए.
उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा रिस्क अलाउंस को बढ़ा कर 10 हजार किया जाए. टी ए को परमानेंट सैलरी में जोडा जाए. राशन भत्ता केन्द्र की तरज पर 600 से 4000 किया जाए. साथ ही वर्दी भत्ता केन्द्र पुलिस (दिल्ली पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस) 10 हजार किया जाए. CL/EL छुट्टी का प्रोसेस सरल किया जाए, जिस पद से पुलिसकर्मी एक्सपायर होता है, उस पद से एक्सग्रेसिया लाभ दिया जाए. पुलिस कर्मचारियों को कम ब्याज पर ऋण दिया जाए.
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इसी के साथ उन्होंने आगे मांग रखते हुए कहा कि मेडिकल कैशलैश सुविधा जल्द से जल्द लागू की जाए. सीनियर अधिकारियों द्वारा किया जाने वाला पुलिस का शोषण बन्द हो. सीनियर अधिकारियों द्वारा आदेश लिखित में दिया जाए. मौखिक आदेश को मानने के लिए जुनियर अधिकारी स्वतंत्र हो. इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा. सीनियर अधिकारीयों द्वारा जुनियर अधिकारियों के विरुध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिखे जाने पर अगले 3 साल तक सीनियर अधिकारी की तैनाती गैर जिले में कि जाए.
अनुसंधान अधिकारी को फाइलों की संख्या निर्धारित की जाए. बेवजह के काम पुलिस पर ना थोपे जाए. पुलिस का काम केवल अपराधों से संबंधित व अपराधों की रोकथाम होना चाहिए. पुलिस यातायात में तैनात कर्मचारियों को चालानों के टारगेट न दिए जाए. इसके अलावा अन्य मांगे इस प्रकार हैं:-
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1. राष्ट्रीय पुलिस आयोग की रिपोर्ट लागू की जाये। पुलिस कर्मचारियों को 1970 से पहले के वेतन आयोग को मध्य नजर रखते हुए सिपाही का वेतन मान, बेसिक पे 49400 की जाए.
2. सेना व अर्ध सैनिक व दिल्ली पुलिस की तर्ज पर पुलिस व जेल कर्मचारियों को राशन भत्ता दिया जाए.
3. पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए.
4. वर्दी भत्ता 3000 रुपये की बजाये, 12000 रुपये दिया जाए
5. डयुटी के 8 घन्टे निश्चित किये जाये उसके बाद ओवर टाइम दिया जाए.
6. साप्ताहिक रैस्ट दिखावे के तौर पर लागू हैं इसे निश्चित किया जाए.
7. सभी पदोन्नितियां संख्या की उपलब्धता के हिसाब से जल्द से जल्द हो ना कि सर्विस की गणना से.
8. पुलिस व जेल विभाग के खाली पड़े पदों को जल्द प्रमोशन व नई भर्ती कर भरा जाए
9. पुलिस व जेल विभाग में सभी प्रकार का राजनितिक हस्ताक्षेप बन्द किया जाए
10. पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार की जननी बी-1 परीक्षा बन्द कर पदोन्निति वरिष्ठता के आधार पर की जाए
11. पुलिस कर्मचारियों को बेसिक ट्रेनिंग के बाद दक्ष मानकर सभी प्रकार के वेतन भत्ते लागू किये जाए
12. अन्य कर्मचारियों को साल में कम से कम 120 दिन से ज्यादा का अवकाश हर साल मिलता है.
13. अतः पुलिस व जेल कर्मचारियों को एक माह की बजाये चार माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाये.
14. पुलिस व जेल के सेवानिवृत कर्मचारियों को ओ.आर.ओ. पी. का लाभ दिया जाए.
15. पुलिस सुरक्षा ऐक्ट लागू किया जाए
16. पुलिस के डी.एस.पी. रैंक के अधिकारियों को भी एच.सी.एस. बराबर वेतन मान दिया जाए
17. पुलिस के डी.एस.पी. को भी रिस्क अलाउन्स दिया जाए
18. पुलिस सुधार बाबत उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी किये गए साल 2006 के दिशा निर्देशों को लागू किया जाये। मैडिकल भत्ता 5000 रुपये निश्चित किया जाए
19. सभी प्रकार की बिमारियों को कैशलैश स्कीम में कवर किया जाए.
20. सेवानिवृत कर्मचारियों की पेंशन में 65, 70, 75, 80 की आयु उपरान्त 5-5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए
21. पुलिस कर्मचारियों के सभी अलाउन्स आज की महंगाई के हिसाब से तय किये जाए.
22. पुलिस विभाग में जांच व कानून व्यवस्था के अलग-अलग विंग बनाये जाए.
23. जांच अधिकारियों द्वारा सरकारी कार्य करते समय होने वाले खर्च के लिए अग्रीम राशि प्रदान की जाए.
24. पुलिस व जेल विभाग से सिविलियन क्लर्क को हटाया जाये उनकी जगह वर्दीधारी क्लर्क ही लगाए जाए
25. सेवानिवृत से पहले बची हुई लम्बी छुट्टी नहीं दी जाती इसलिए बची हुई छुट्टियों का नगद भुगतान किया जाए.
26. टी.ए. पूरे 30 दिन का दिया जाए.
27. पोस्टींग की अवधि निश्चित की जाए.
28. सरकारी क्वार्टरों में बिजली विभाग द्वारा बिजली मीटर लगाए जाए नाकि बल्क मीटर से सप्लाई दी जाए.
29. लिफटों के खर्च के नाम पर अनाप सनाप धन उगाही बन्द की जाए.
30. आप (मुख्यमन्त्री) द्वारा सन् 2014 से पुलिस व जेल से संबंधित जितनी भी घोषणाएं की गई। अब तक कोई भी लागू नहीं हुई है। जल्द से जल्द लागू की जाए.
31. पुलिस की गाड़ियों व चतर्थ श्रेणी कर्मचारियों का दुरुपयोग बन्द किया जाए.
32. आई. आर. बी. में तैनात सभी पुलिस कर्मचारियों की बदलियां जिलों में की जाये। वैलफेयर एंव स्पोर्टस फण्ड की हो रही लूट को बन्द किया जाए.
33. सभी एस.आई. के रैंक तक के कर्मचारियों को गृह जिले में बदला जाये जिससे भ्रष्टाचार बन्द हो सके।
34. पुलिस कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए
35. मरणोपरान्त बैंक द्वारा बीमे के तौर पर दी गई राशि व वैलफेयर फण्ड से दी गई राशि के अलावा सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए.
36. अपराधिक मुकदमा दर्ज होने पर कोई भी सामानान्तर विभागी जांच ना की जाए.
उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगें नही मानी जाती तो आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में वो सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे.
(इनपुटः विजय राणा)