Nuh News: शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, 6 महीने से अध्यापक न होने पर ग्रामीणों का विरोध
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Nuh News: शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, 6 महीने से अध्यापक न होने पर ग्रामीणों का विरोध

Haryana News: हरियाणा के नूंह जिले के राजकीय प्राथमिक स्कूल में टीचर न होने पर  ग्रामीणों ने ताला लगा दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर बच्चों का जीवन अंधकार में है, क्योंकि 6 महीने से एक भी अध्यापक रेगुलर नहीं है.

Nuh News: शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, 6 महीने से अध्यापक न होने पर ग्रामीणों का विरोध

Haryana News: नूंह जिले के मोहम्मदपुर गांव के राजकीय प्राथमिक स्कूल में ग्रामीणों ने अध्यापक नहीं होने को लेकर ताला लगा दिया. गांव के प्राथमिक स्कूल में पिछले 6 महीने से एक भी अध्यापक रेगुलर नहीं है. स्कूल में सिर्फ 2 अध्यापक शिक्षा विभाग ने NGO के लगाए हुए हैं. राजकीय प्राथमिक पाठशाला मोहम्मदपुर के स्कूल में 190 के करीब छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं, लेकिन स्कूल में अध्यापक नहीं होने के कारण पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. 

ग्रामीणों ने स्कूल में लगाए ताले  
इसपर ग्रामीणों का कहना है कि कई बार स्कूल में ताला लगा दिया गया, लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से रेगुलर अध्यापक नहीं दिए गए और न ही कोई शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल में निरीक्षण के लिए आते हैं. वहीं नूंह विधायक आफताब अहमद को जब स्कूल में ताला लगाने की बात पता चली तो वह स्कूल में पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की. ग्रामीणों ने स्कूल में अध्यापक की कमी के साथ-साथ अन्य कर्मियों को भी गिनवाया. इसपर नूंह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हरियाणा में शिक्षा विभाग का बेड़ा गरग करने में लगी हुई है. बार-बार चेतावनी के बावजूद भी हरियाणा की भाजपा सरकार ने न तो किसी प्रकार का कोई संज्ञान लिया न ही कोई ऐसा कदम उठाया, जिससे सरकारी स्कूल में गरीबों के बच्चे पढ़ सकें. 

हाई स्कूल की क्लास में भी नहीं हैं अध्यापक 
उन्होंने कहा कि यह जीता जागता उदाहरण है कि हरियाणा की भाजपा सरकार में शिक्षा विभाग में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं. नूंह जिले की बात करें तो अहमद ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जानबूझकर भाजपा सरकार पिछले 10 वर्षों से यहां के सरकारी स्कूल व्यवस्था को बर्बाद करने में लगी हुई है. इसका ताजा उदाहरण यह है कि नूंह के मोहम्मदपुर स्कूल में अध्यापक नहीं होने की वजह से ताला लगा हुआ है. 9 सितंबर 2022 को भी कोटला पंचायत के हाई स्कूल की कक्षा में अध्यापक नहीं थे, जिसको लेकर गांव के लोगों ने ताला लगाया था. 

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भाजपा जिले के स्कूलों पर नहीं दे रही ध्यान 
उन्होंने आगे कहा कि जिले के दूसरे गांव में भी इसी तरह से स्कूल के बच्चों व ग्रामीणों द्वारा अध्यापकों की कमी को लेकर ताला लगाया गया है. 100 स्कूल करीब जिले में बंद कर दिए गए हैं. वहीं भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जिस तरह से मेवात जैसे पिछड़े इलाके में शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए स्कूलों को अपग्रेड किया था. उस पर भाजपा सरकार ने स्कूलों को बंद करने का काम किया है. वहीं विधायक ने सरकार को चेताते हुए कहा कि भाजपा सरकार अपनी व्यवस्था को ठीक करें नहीं तो वह जनता के साथ मिलकर सरकार की व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाएंगे.

Input- ANIL MOHANIA

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