ड्राई फ्रूट्स खाना हमारे सेहत की लिए फायदेमंद ही होता है. अब सवाल यह उठता है कि इसे भूनकर यानी रोस्ट करके खाएं या फिर कच्चा ही खाएं.यह जानने कि लिए आप नीचे दी गई खबर पढ़ें...
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नई दिल्ली: ड्राई फ्रूट्स सभी को खाना पसंद है और यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं. शोधों में पाया गया है कि फाइबर, फैट और प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स होने के साथ साथ यह एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी विटामिन मिनरल से तो भरपूर होता ही है. ये बैड कोलस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की समस्या को भी ये आसान से दूर कर सकता है. ऐसे में बच्चों से लेकर बूढ़ों के लिए भी यह काफी फायदेमंद है. तो चलिये आज हम आपको ड्राई फ्रूट्स खाने का सही तरीका बताने जा रहे हैं.
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बता दें कि इसके खाने से न केवल हमें दिनभर एनर्जी मिलती है, बल्कि लगभग हर तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत को ये अकेले ही पूरा कर देता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इन्हें खाने का सही तरीका क्या है? यहां हम बता रहे हैं कि ड्राई फ्रूट्स को रोस्ट कर खाना बेहतर है या कच्चा. आपको बता दें कि हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार दोनों ही तरीके हमारी सेहत को नुकसान नहीं पहुचाते हैं. साथ ही दोनों ही तरीकों से इसके फायदे को कम या ज्यादा नहीं करते. यह पाया गया है कि ड्राई रोस्टेड, कच्चा या तेल में छने ड्राई फ्रूट्स में प्रोटीन, कैलोरी, फैट, कार्ब में अंतर नहीं आता.
रोस्ट करते समय रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप ड्राई फ्रूट्स को रोस्ट कर रहे हैं तो हो सकता है कि इससे पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और एंटीऑक्सीडेंट पहले की तुलना में कम हो जाए. अगर आप इन्हें ज्यादा समय तक 120 डिग्री सेल्सियस पर भूरा होने तक गर्म करेंगे तो इससे खतरनाक कैमिकल क्रिएट हो सकता है. ज्यादा देर तक हीट करने पर एक्रिलामिनेट (acrylamide)कैमिकल बन सकता है, जो हानि पहुंचा सकता है.
बाहतर होगा कि आप रोस्ट करें तो 5 मिनट के लिए लगभग 284°F (140°C) से अधिक देर तक न रोस्ट करें. भूनते समय इस बात का ध्यान रखें कि मेवे के रंग में बदलाव न आए, उन्हें बहुत लंबे समय तक स्टोर न करें, केवल उन मेवों को भुनें जिन्हें आप अगले कुछ दिनों में खा लेंगे.
कच्चा ड्राई फ्रूट के नुकसान
कच्चे ड्राई फ्रूट्स के सेवन से नुकसान नहीं होता, लेकिन अगर इनका सही तरीके से स्टोर न किया जाए तो इसमें आसानी से फंगल या बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो कि हमें बीमार बना सकते हैं.
खाने का सही तरीका
हमारे स्वास्थ्य के लिए कच्चे और भुने मेवे दोनों ही लाभदायक हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि मेवों को कैसे भूना जाए और कितने तापमान में इन्हें भूना जाए. कच्चा मेवा जब भी लें तो उसका एक्सपायरी डेट चेक करें और एयरटाइट डब्बे में ही स्टोर करें.