हार्ट अटैक आएगा या नहीं, दिल का आकार बता देगा आपको कितना खतरा
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हार्ट अटैक आएगा या नहीं, दिल का आकार बता देगा आपको कितना खतरा

अगर हम ये बताएं कि भविष्य में आपको हार्ट अटैक आएगा या नहीं तो शायद आप भी यह जरूर जानना चाहेंगे कि यह कैसे संभव है. सवाल उठता है कि क्या दिल के मरीजों के बारे में पहले से यह भविष्यवाणी की जा सकती है या नहीं तो इसका जवाब है- हां.

हार्ट अटैक आएगा या नहीं, दिल का आकार बता देगा आपको कितना खतरा

Heart Attack Symptoms : अगर हम ये बताएं कि भविष्य में आपको हार्ट अटैक आएगा या नहीं तो शायद आप भी यह जरूर जानना चाहेंगे कि यह कैसे संभव है. सवाल उठता है कि क्या दिल के मरीजों के बारे में पहले से यह भविष्यवाणी की जा सकती है या नहीं तो इसका जवाब है- हां. अब ये संभव है और ये भविष्यवाणी कोई ज्योतिष नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से की जा सकेगी. अब Artificial Intelligence के जरिये आपके दिल का MRI Scan देखकर ये बताया जा सकता है कि आप कितने खतरे में हैं या हार्ट अटैक आने की कितनी संभावना है. 

अगर आपके लिए दिल लाल रंग के रोमांटिक आइकन जैसा है, जो अपनों के प्यार के लिए धड़कता है तो डॉक्टरों के लिए दिल शरीर को खून सप्लाई करने वाली 4 चैंबर वाली एक मशीन है, लेकिन वहीं शोधकर्ताओं के लिए दिल एक ऐसा ठिकाना है जो आपकी सेहत की भविष्यवाणी कर सकता है. आप भविष्य में कितने सेहतमंद रहेंगे या आपको हार्ट अटैक आने का खतरा कितने प्रतिशत है या आपको कभी हार्ट अटैक आ सकता है या नहीं, ये पता करने के लिए रिसर्चर्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की मदद ली है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अब डॉक्टर आपकी सेहत की कुंडली बना रहे हैं और भविष्यवाणी भी कर रहे हैं.

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जिनका दिल गोल, उन्हें खतरा ज्यादा 
कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (stanford university california) के एक शोध के मुताबिक किन लोगों को दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा है, यह  पता  लगाया जा चुका है. मेयो क्लीनिक की रिसर्च के मुताबिक ऐसे लोग जिनके दिल का आकार गोल होता है, उन्हें अन्य लोगों की अपेक्षा कार्डियोमायोपेथी होने का खतरा 47% ज्यादा होता है. कार्डियोमायोपैथी दिल की मांसपेशियों यानी Heart Muscles की बीमारी है. इस बीमारी में दिल की मांसपेशियां सूजकर सख्त हो जाती हैं और खून पंप करने में दिक्कत होने लगती है और कई लोगों को आगे चलकर हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है. 

38897 लोगों पर की गई थी रिसर्च 
रिसर्च के लिए 38897 लोगों के MRI scans का एनालिसिस किया गया. स्कैन में दिल के लेफ्ट चेंबर या लेफ्ट ventrical के आकार को देखा गया. इन्हीं लोगों में ये देखा गया कि कितने लोगों के परिवार में पहले से किसी को दिल की बीमारी है और ऐसे लोगों के जेनेटिक मार्कर कैसे हैं यानी वो लोग कौन से हैं जिन्हें जेनेटिक कारणों से दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा है.

इस विश्लेषण के आधार पर ये नतीजा निकला कि जिन लोगों के दिल का आकार गोल है, ऐसे लोग दिल की बीमारी का शिकार होने के खतरे पर हैं. डॉक्टरों के मुताबिक दिल का आकार कोन जैसा होता है – अगर वो गोल हो रहा है तो इस बात की निशानी है कि दिल पर प्रेशर ज्यादा है और उसकी खून पंप करने की क्षमता कम हो रही है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में दिल की बीमारी से मौतों की सालाना संख्या 47 लाख तक पहुंच गई है, जो 1990 तक करीब 22 लाख के आसपास थी, लेकिन बड़ा सवाल है कि आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस तरह के आकलन पर कितना भरोसा किया जा सकता है और क्या आने वाले समय में डॉक्टर और मरीज दोनों की बीमारी की पहचान और इलाज के लिए मशीन पर निर्भर हो जाएंगे. इसे ऐसे समझ सकते हैं. 

किसी को हाई ब्लड प्रेशर तो किसी को छाती में दर्द  होने पर सहसा दिमाग में एक बात आती है कि कहीं दिल की बीमारी तो नहीं हो गई. आज की तारीख में हार्ट अटैक के खतरे को भी डॉक्टर भी इसी तरह नापते हैं. इसी आधार पर लोग अपने टेस्ट करवाकर ये चेक करते हैं कि उनका दिल सलामत रहेगा या नहीं.

भारत में शोध के परिणामों की हुई पुष्टि 
स्टार इमेजिंग लैब्स, दिल्ली में रेडियोलॉजिस्ट डॉ अपर्णा ने बताया कि अब समय बदल रहा है. वैज्ञानिक तरीके से दिल की बीमारियों के खतरे का पता लगाने वाले AI Tools तेजी से विकसित हो रहे हैं. हालांकि अभी ये टेक्नोलॉजी प्रयोग के दौर से ही गुजर रही है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक दिल का आकार ये बता सकता है कि आपको दिल की बीमारी होने का कितना खतरा है. इस तथ्य को हमने भारत में दिल के मरीजों के स्कैन के विश्लेषण से चेक करने की कोशिश की. कुछ मामलों में ये बात सच निकली। एक ऐसा मरीज भी मिला जो दिल की बीमारी से पीड़ित था और उसके दिल के लेफ्ट चेंबर का आकार गोल हो चुका है, जो असल में तिकोना होता है.  

AI की मदद के बिना रिप्लेस हो जाएंगे डॉक्टर 
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नतीजों पर पूरी तरह भरोसा किया जा सकता है तो स्टार इमेजिंग लैब्स के निदेशक डॉ समीर भाटी ने बताया कि AI  डॉक्टर का विकल्प तो नहीं होगी, लेकिन जो डॉक्टर AI की मदद का फायदा नहीं उठाएंगे वो जरूर आने वाले समय में रिप्लेस हो जाएंगे. फिलहाल दिल की बीमारियों के खतरे को नापने के लिए मरीज के रिस्क फैक्टर और कुछ टेस्ट का सहारा लिया जाता है और आगे भी ऐसा होता रहेगा.   

किन लोगों को सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत 
फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पता, दिल्ली के चेयरमैन डॉ अशोक सेठ ने बताया कि अगर आप धूम्रपान करते हैं. आपको हाई ब्लड प्रेशर है. आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल ज्यादा है. आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी रह चुकी है या आपका वजन ज्यादा है तो ये समझने के लिए आपको Artificial Intelligence का इंतजार नहीं करना चाहिए कि आपको दिल की बीमारी का खतरा एक स्वस्थ इंसान के मुकाबले ज्यादा है. ईसीजी, Echo cardiogram और MRI जैसे टेस्ट आपको ये बता सकते हैं कि आपका खतरा कितना ज्यादा है.