Health Tips: कैंसर के इलाज के दौरान कैसे रखें पेशेंट की मेंटल हेल्थ का ध्यान? समझें एक्सपर्ट से
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Health Tips: कैंसर के इलाज के दौरान कैसे रखें पेशेंट की मेंटल हेल्थ का ध्यान? समझें एक्सपर्ट से

Cancer Treatment: एक्सपर्ट के मुताबिक जब आपको पहली बार पता चलता है कि आप कैंसर से पीड़ित है तो क्रोध, डर और अनिश्चितता के भाव से भर जाते हैं. उस समय मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य काम ख्याल रखना जरूरी होता है.

Health Tips: कैंसर के इलाज के दौरान कैसे रखें पेशेंट की मेंटल हेल्थ का ध्यान? समझें एक्सपर्ट से

Tips for Cancer Patient: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान को शरीर, दिल और दिमाग से तोड़कर रख देती है. इसके इलाज के दौरान अक्सर मरीजों को डर, चिंता, गुस्सा, तनाव का सामना करना पड़ता है. ये वो चीजें हैं, जो इलाज को बुरी तरह प्रभावित करती हैं. इसलिए इलाज के दौरान पेशेंट की मेंटल हेल्थ को समझना और उसे  सही रखना बेहद जरूरी होता है. एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि कैंसर का भावनात्मक बोझ उतना ही वास्तविक होता है, जितना इससे होने वाली शारीरिक चुनौतियां.

दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल में ऑन्कोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी कहते हैं कि कैंसर का इलाज मिलने के बाद व्यक्ति की भावनाओं में कई बदलाव आ सकते हैं. यह प्रक्रिया केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण होती है. कैंसर का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है, क्योंकि कैंसर के रोगी की भावनात्मक यात्रा अक्सर उतार-चढ़ाव से भरी होती है.

कैसी हो जाती है मानसिक स्थिति?

डॉक्टर के मुताबिक तो शुरू में कैंसर पीड़ित होने की जानकारी मिलने पर मरीज को सदमा लग सकता है. उन्हें क्रोध भी आता है. भविष्य के बारे में डर और अनिश्चितता की भावना होती है. कैंसर के दोबारा लौटने या मौत का डर भी उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है. ऐसे में उनकी मेंटल हेल्थ का खास ख्याल रखना जरूरी है. 

मानसिक स्वास्थ्य सही करने के उपाय 

किसी भी कैंसर मरीज के इलाज के साथ ही उसे मेंटल रूप से सही रखना बेहद जरूरी है. इसमें डॉक्टर को कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए. 

रोगियों से खुलकर बात करना और उनकी भावनाओं को समझना.

मरीजों के भावनात्मक संकेतों को सुनना और उन्हें मान्यता देना. 

कभी-कभी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक की मदद लेना भी जरूरी होता हैं. 

समान अनुभव वाले लोगों से मिलना भावनात्मक समर्थन प्रदान कर सकता है. 

ध्यान, योग और गहरी सांस लेने जैसी प्रैक्टिस तनाव कम करने में मदद कर सकती हैं. 

मरीजों को ये बातें रखनी चाहिए ध्यान 

मरीजों की कोशिश होनी चाहिए कि वह अपनी भावना व्यक्त करे

कोशिश होनी चाहिए कि पेशेंट रोज व्यायाम करे.  डाइट हेल्दी हो और अच्छी नींद ले. 

जिन चीजों से खुशी मिले, वह करें जैसे मूवी देखना, गाने सुनना 

4.परिवार और दोस्तों से जुड़कर भावनात्मक समर्थन प्राप्त करना.

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