Kurukshetra News: बढ़ती सर्दी ने पशुपालकों के लिए मुसीबतें बढ़ा दी है. वहीं इन दिनों बरसात के साथ-साथ ठंडी हवाएं भी चल रहीं हैं, जोकि दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती है.
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Kurukshetra News: सर्दियों का मौसम जोर पकड़ चुका है. बरसात के साथ-साथ ठंडी हवाएं भी इन दिनों चल रही हैं. कड़ाके की यह ठंड दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती है. नतीजतन, जानवर अक्सर बुखार और न्यूमोनिटिक समस्या से ग्रसित हो जाते हैं. यह पशु के दूध उत्पादन, स्वास्थ्य और प्रजनन को प्रभावित करता (animal care in winter) है. सर्दियों के इस मौसम में पशुपालकों को अपने सभी दुधारू पशुओं (गाय-भैंस) की खास देख-रेख करनी चाहिए. अगर पशुपालकों ने जरा सी भी लापरवाही दिखाई तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर सर्दी में पशुओं को कैसे सुरक्षित रखा जाए. इस बारे में डॉ. जसबीर सिंह पशु चिकित्सा ने जानकारी दी.
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सर्दियों में पशुओं के डॉ. ने बताया कि सर्दी के मौसम में पशुपालक अपने पशुओं को संतुलित मात्रा में चारा देकर दूध की क्षमता बढ़ा सकते हैं. दूध उत्पादन में कमी का मुख्य कारण पशुओं को उसी अनुपात में मिलने वाली खुराक है. सर्दी के दिनों में पशुओ को सामान्य दिनों के अपेक्षा ज्यादा खुराक देनी चाहिए. पशु को मिलने वाला संतुलित राशन दूध उत्पादन को बढ़ाता है. पशुओं को खिलाया जाने वाला चारा भी इस तरह का हो जिसकी पाचन क्षमता 60 प्रतिशत से अधिक हो.
डॉ. जसबीर सिंह ने बताया कि अगर दुधारू पशुओं को सर्दी के दिनों में संतुलित आहार के साथ-साथ खनिज मिश्रण, एनर्जी बूस्टर दिया जाए तो पशु का दूध नहीं घटेगा. इसके अलावा पशु की उचित देखभाल आदि पशु की दूध क्षमता 25 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं. डॉक्टर ने बताया कि पशुओं के लिए भूसा ऊर्जा का मुख्य स्रोत है. यह सर्दियों में पशुओं को भरपेट देना चाहिए. सर्दियों के दिनों में हरे चारे के रूप में बरसीम की जई दी जा सकती है. सूखे भूसे में इसका चौथाई भाग लेकर आधा हिस्से तक मिलाकर दें. अनाज के तौर पर गेहूं का दलिया, खल, चना, ग्वार बिनौला आदि दिया जाना चाहिए. बिनौले को रात को पानी में भिगोकर रखें. सुबह इस पानी को फेंककर इसे 6 ताजा पानी में उबालकर पशु को दिन में दो बार खिलाएं. बिनौला, चना, ग्वार से पशुओं का दूध बढ़ जाता है.
Input: Darshan Kait