AAP Vs Delhi LG: आप मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि वह एलजी को कई बार डॉक्टरों की भर्ती के लिए कई बार पत्र लिख चुके हैं. इस पर एलजी ऑफिस ने कहा है कि ये काम उनका काम नहीं है. बेतुके नोट लिखने के बजाय इन अस्पतालों के लिए पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की प्रक्रिया शुरू करना बेहतर होता
Trending Photos
Delhi Hospitals Contruction: दिल्ली में आप सरकार और एलजी सचिवालय के बीच बुधवार को आरोप-प्रत्यारोप का खेल एक बार फिर से शुरू हो गया, जिसमें दिल्ली में 24 अस्पतालों की परियोजनाओं के पूरा होने में देरी के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने एक-दूसरे पर मीडिया में कहानियां प्लांट करने का भी आरोप लगाया. आप ने एक बयान में कहा कि जून 2020 में, वैज्ञानिक अनुमान थे कि दिल्ली में 20 लाख कोरोना वायरस मरीज होंगे और उनमें से लगभग 80,000 को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी.
लोगों के स्वास्थ्य को दी प्राथमिकता
उस समय दिल्ली सरकार नए अस्पतालों और नए अस्पताल ब्लॉकों के रूप में हजारों आईसीयू बेड की व्यवस्था करने के लिए निर्णय लेने और संसाधनों को आवंटित करने के लिए सक्रिय थी. केजरीवाल सरकार ने तब हमेशा बजट की कमी से ऊपर अपने लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी. आप ने आरोप लगाया कि मंत्री लिखित पत्रों के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाते रहे हैं कि जब तक यूपीएससी के माध्यम से पूर्णकालिक स्थायी डॉक्टरों की भर्ती नहीं हो जाती, तब तक उपराज्यपाल को समझौते के आधार पर डॉक्टरों और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. हालांकि इस पर उपराज्यपाल ने बहुत ही तुच्छ और बेकार बहाने बनाकर वह प्रक्रिया शुरू नहीं की.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में बारिश दिलाएंगी उमस से राहत, वहीं 112 दिन बाद खराब श्रेणी में पहुंची हवा
एलजी ऑफिस ने कहा बेतुके लिखा बंद करे AAP
आप के दावों का जवाब देते हुए उपराज्यपाल सचिवालय ने एक बयान में कहा कि 24 अस्पतालों भवनों का निर्माण अभी पूरा होने के करीब भी नहीं है. इसमें कहा गया है कि आप के बयान में 10,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 24 इमारतों के निर्माण को सही ठहराने के लिए कोविड का बहाना लिया गया है, जिनका निर्माण 2020 में एक साल की समय सीमा के साथ शुरू हुआ था, लेकिन वे सभी अभी भी पूरा होने से बहुत दूर हैं. इन अस्पतालों को चलाने के लिए हर साल 5,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी और इसके लिए कोई बजटीय प्रावधान नहीं किया गया है. AAP के इस दावे पर कि भारद्वाज ने इन अस्पतालों के लिए संविदा पदों के सृजन के संबंध में एलजी को पत्र लिखा था, एलजी सचिवालय ने कहा कि मंत्री को बेतुके पत्र लिखने के बजाय इन अस्पतालों के लिए पदों के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की प्रक्रिया शुरू करना बेहतर होता.सेवा विभाग और एलजी का पदों के सृजन से कोई लेना-देना नहीं है.