जब दिल्ली सरकार के अधिकांश मंत्रियों पर शराब घोटाले सहित भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों की जांच चल रही है, उसके बावजूद मुख्यमंत्री ने ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज और कालकाजी से विधायिका सुश्री अतिशी जैसों को मंत्री बनाने का अनुमोदन उपराज्यपाल के पास भेजा हैं, जिनके दामन पर भी भ्रष्टाचार के छींटे है.
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नई दिल्लीः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली को ‘घोटाले का राजधानी’ की बन रही छवि को बचाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रस्तावित शराब घोटाले के जांच के दायरे में आने वाले ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज तथा कालकाजी से विधायक सुश्री आतिशी को मंत्री बनाने पर उपराज्यपाल पुनर्विचार करें.
अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कैबिनेट के दो पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन व मनीष सीसोदिया जेल में हैं और वर्तमान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर 1000 लो फ्लोर की खरीद व मेंटेनेस से जुड़े टेंडर में 4288 करोड़ के डीटीसी घोटाले में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की शिकायत पर सीबीआई जांच चल रही है. तथा भ्रष्ट शराब नीति में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर में भी शामिल कैलाश गहलोत सीबीआई जांच के घेरे में हैं.
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उन्होंने कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार में मंत्री व 38 विधायकों पर 100 से अधिक मामले लोकपाल कार्यालय में लंबित पड़े हुए है. जब दिल्ली सरकार के अधिकांश मंत्रियों पर शराब घोटाले सहित भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों की जांच चल रही है, उसके बावजूद मुख्यमंत्री ने ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज और कालकाजी से विधायिका सुश्री अतिशी जैसों को मंत्री बनाने का अनुमोदन उपराज्यपाल के पास भेजा हैं, जिनके दामन पर भी भ्रष्टाचार के छींटे है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि दिल्ली के हित में भ्रष्ट और दागदार छवि वालों को मंत्री पद ना दिया जाए क्योंकि यह मंत्री पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार को अधिक बढ़ावा देंगे. लगभग 10 सालों में दिल्ली सरकार को भ्रष्ट बनाने में अरविंद केजरीवाल की पूरी कैबिनेट सक्रिय रही है. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को ‘नशे की राजधानी’ बनाया और शराब घोटाले की जांच के बाद ‘घोटाले की राजधानी’ बनती जा रही है.
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उन्होंने आगे कहा कि उपराज्यपाल हस्तक्षेप करके दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाते हुए कार्रवाई करें ताकि दिल्ली की छवि धूमिल न हो. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली की जनता में चर्चा है कि शराब घोटाले का मास्टर माइंड मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है, वहीं आबकारी विभाग के मंत्री रहे मनीष सीसोदिया तक कार्टेल बनाने तथा कुछ लोगों को दिल्ली के बाज़ार पर कब्जा स्थापित करवाने को लेकर शराब कारोबारियों को उपलब्ध करवाने के लिए सौरभ भारद्वाज तथा और अतिशी ने अपने राजनीतिक संबंधों का उपयोग करके अपने रिश्तेदारों को भी लाभ पहुंचाने जैसे गंभीर आरोपों की जांच भी इन दोनो पर चल रही है.
अनिल कुमार ने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा नई आबकारी नीति जिसे वापस लिया गया उसके तहत जोन नंबर 19 और 29 में ठेका यूनिवर्सल डिस्ट्रीब्यूटर को दिया गया था. उसके पार्टनर करमजीत सिंह लांबा आम आदमी पार्टी के चितरंजन पार्क वार्ड 2017 निगम चुनावों के पार्षद उम्मीदवार थे, जो ग्रेटर कैलाश विधानसभा के अंतर्गत आता है.
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उन्होंने कहा कि अमनदीप ढाल जो सीबीआई एफआईआर में आरोपी नंबर-7 के रूप में शामिल है, उनको सौरभ भारद्वाज का मित्र होने की बात सामने आई है. पंजाब में जो नई शराब नीति बनी उसमें भी अधिकांश ठेके Brindco समूह को मिले है. दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों के जो 144 करोड़ रुपये माफ किए गए. उनमें से 46 फीसदी यानी 66 करोड़ रुपया इसी कंपनी यूनिवर्सल ट्रेडर्स का है.
अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्याकाल के दौरान दिल्ली की छवि विश्व और देश में फ्लाइओवर, मेट्रो व विकसित राजधानी के रुप में दिखती थी जो आज ‘नशे और घोटाले की राजधानी’ की छवि बन रही है. ऐसे विधायक जो पहले से जांच के दायरे में है और आने वाले दिनों में गिरफ्तार हो सकते है, उन्हें मंत्री पद नही दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल महोदय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संदिग्ध विधायकों को नए मंत्री बनाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करें और समय रहते भ्रष्टाचार में संलिप्त मंत्री पद के प्रस्तावित विधायकों पर कार्रवाई हेतु आदेशित करें.
(इनपुटः तरुण कुमार)