Bhiwani News: किराए के फेर में फंसे नौनिहालों का भविष्य पर आज भिवानी में आधा दर्जन आंगनवाड़ी भवनों पर मकान मालिकों ने ताला लगा दिया है. पिछले एक साल से किराना न देने पर मकान मालिक ने भारत नगर में स्थित आंगनवाड़ी केंद्र ताला लगा दिया और कहा कि जब तक आंगनवाड़ी केंद्रों का किराया नहीं मिलेगा. तब तक उनका सामान भी नहीं दिया जाएगा.


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मकान मालिक ने इस बारे में बातचीत करते हुए बताया कि मैंने अपना मकान भारत नगर में बनाया हुआ है और इस भवन को आंगनवाड़ी वर्करों को किराए पर दिया हुआ है, लेकिन पिछले डेढ़ साल से मकान का किराया न देने के कारण मैंने अपने भवन पर ताला लगा दिया है. वही जब आंगनवाड़ी वर्कर मनजीत से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से उन्हें सैलरी भी बहुत कम दी जाती है और उसमें से हम आंगनबाड़ी भवन का किराया अपनी जेब से नहीं दे सकते.


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उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ से 2 साल हो चुके हैं. विभाग द्वारा आंगनवाड़ी भवन का किराया नहीं देने के कारण आज मकान मालिक ने ऑफिस से बाहर करके खुद का ताला लगा दिया है. अब ऐसे में बच्चे को कहां लेकर जाएंगे, वहीं दूसरी तरफ शांति नगर में मकान मालिक ने आंगनवाड़ी वर्कर को सेंटर से बाहर कर दिया है. मकान मालिक ने आगे कहा कि तकरीबन 2 साल से किराया मांग रहा हूं.  2 साल से आज तक इन्होंने किराया का एक पैसा भी नहीं दिया है.


उन्होंने आगे कहा कि पिछले तीन-चार दिन से किराए के लिए बोल रहा था, लेकिन उन्होंने मुझे कोई भी संतोष जवाब नहीं दिया. आज इनके आंगनवाड़ी सेंटर को समान के साथ मैंने अपना ताला लगा दिया है, जिस दिन यह लोग मेरा किराया मुझे दे देंगे उसी दिन में ताला खोल दूंगा. पिछले तकरीबन 2 साल से किराए का वेट कर रहा हूं.


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महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्र को जल्द खुलवाया जाएगा. केंद्र सरकार से पैसे न आने के कारण काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. जल्द से जल्द पैसा भेजने के लिए कहा है. जैसे ही किराया आता है वैसे ही दिया जाएगा. अब देखते हैं कि कब आंगनवाड़ी सेंटर के ताले खुलेंगे तब तक छोटे बच्चे कहां रहेंगे.


प्रत्येक सेंटर पर 20 से 25 बच्चे आते हैं. अब ऐसे में आंगनवाड़ी महिला वर्कर किस प्रकार बच्चों के परिजनों को समझाएंगे. कहां आंगनवाड़ी सेंटर लगाए जाएंगे. छोटे बच्चों के भविष्य को लेकर सरकार का क्या रुख रहता है ये तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन विभाग की लापरवाही की से हरियाणा के प्रत्येक जिले में इस प्रकार की समस्या बनी हुई है.


(इनपुटः नवीन शर्मा)