Haryana Election 2024: कौन हैं जोगा सिंह जो लाडवा में नायब सिंह के सामने चट्टान से आ खड़े हुए, दिलचस्प होगा चुनाव
Joga Singh Vs Nayab Saini: 2009 से अब तक हर बार लाडवासे अलग पार्टी का उम्मीदवार जीता है. नायब सिंह सैनी का दावा है कि बीजेपी तीसरी बार भी सरकार बनाएगी, वहीं कांग्रेस विधायक मेवा सिंह का कहना है कि क्षेत्र में कराए कामों को देखते हुए वह किसी प्रत्याशी को अपने लिए चुनौती नहीं मान रहे.
Joga Singh AAP: हरियाणा में गुरुवार को नामांकन प्रक्रिया खत्म हो रही है और वोटिंग 5 अक्टूबर को होगी. इस बार प्रदेश की सबसे हॉट सीट लाडवा से निवर्तमान सीएम नायब सैनी चुनाव लड़ रहे हैं. 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र से ही चुनावी प्रचार की शुरुआत करने जा रहे हैं. नायब को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर विधायक मेवा राम पर भरोसा जताया है, लेकिन प्रदेश की 90 सीटों पर पहली बार चुनाव लड़ने जा रही आम आदमी पार्टी ने इस हॉट सीट पर जिस उम्मीदवार को उतारा है, उनका नाम है जोगा सिंह. आखिर कौन हैं जोगा सिंह, क्या वह बीजेपी और कांग्रेस के दो दिग्गज उम्मीदवारों के सामने अपनी जमानत बचा पाएंगे?
हर बार अलग पार्टी जीतती है चुनाव
दरअसल 2009 में थानेसर विधानसभा क्षेत्र से अलग होकर लाडवा सीट बनाई गई थी. एक अनुमान के मुताबिक करीब 40.09% ओबीसी आबादी वाली सीट पर गैर ओबीसी समुदाय ( जाटों की) की आबादी 15.84 प्रतिशत है. 2009 से अब तक हर बार यहां से अलग पार्टी का उम्मीदवार जीता है.
इनेलो, बीजेपी, कांग्रेस और अब...
2009 में इनेलो के शेर सिंह बड़शामी, 2014 में बीजेपी के डॉ. पवन सैनी और 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी मेवा सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. ऐसे में अगर कोई चमत्कार हुआ या यूं कहें कि जनता ने लाडवा में किसी नए चेहरे पर दांव लगा दिया तो बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. अब जान लेते हैं कुछ आप उम्मीदवार जोगा सिंह के बारे में-
जोगा लड़ चुके हैं जिला परिषद का चुनाव
उमरी, थानेसर तहसील (कुरुक्षेत्र) के रहने वाले जोगा सिंह 12वीं तक की पढ़ाई की. उनका जन्म 4 मार्च 1983 को हुआ था. शादीशुदा जोगा को हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी भाषा का अच्छा खासा ज्ञान है. अगर उनके पॉलिटिकल बैकग्राउंड की बात करें तो जोगा ने 2022 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जिला परिषद का चुनाव लड़ा था, लेकिन ये चुनाव वह हार गए थे.
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जब BJP के मेवा कांग्रेस के हो गए थे
इससे इतर अगर कांग्रेस प्रत्याशी मेवा सिंह की बात करें तो उन्होंने 80 के दशक में राजनीति में आए थे. मेवा इंडियन नेशनल लोकदल में शामिल होने के बाद कुरुक्षेत्र जिला परिषद अध्यक्ष बने. बाद में बीजेपी की टिकट पर उन्होंने पहला चुनाव 2009 में लड़ा था, लेकिन हार गए. 2011 में वह बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन जेबीटी घोटाले में नाम सामने आने के बाद उन्होंने पत्नी बचन कौर को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गई थीं. 2019 के चुनाव में मेवा सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी पवन सैनी को 12 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.
पहले चुनाव में हारे थे नायब
नायब सिंह ने 2010 में नारायणगढ़ सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में उन्हें मात्र 3,028 वोट मिले थे और रामकिशन गुर्जर से हार गए थे. 2014 में 24,361 वोट से चुनाव जीतकर वह पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2019 में उन्होंने कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की.