ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में पिछले कुछ समय से ड्रग्स का काला कारोबार करने के मामले सामने आ रहे हैं. ग्रेटर नोएडा एनसीआर में ड्रग्स सप्लाई और नशीले पदार्थों की फैक्ट्री के रूप में तेजी से उभरकर सामने आया है. नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस कमिश्नरेट के द्वारा चलाए जा रहे अभियान में कोतवाली बीटा-2 पुलिस और स्वात टीम को उस समय एक बड़ी सफलता मिली, जब 15 दिनों के अंदर ही सेक्टर ओमेगा स्थित जज सोसायटी में विदेशी नागरिकों द्वारा चलाई जा रही एक और ड्रग्स फैक्ट्री भंडाफोड़ किया गया.


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पुलिस ने मौके से दो विदेशी नागरिकों की गिरफ्तार किया गया. इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ पूर्व में पकड़े गए विदेशी नागरिक की निशानदेही पर किया गया. पुलिस ने करीब 200 करोड़ कीमत की 30 किलो ड्रग्स जब्त की है. 


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16 मई को थाना बीटा-2 पुलिस और स्वात टीम ने सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र में सेक्टर थीटा टू स्थित तीन मंजिला मकान में चल रही ड्रग्स फैक्ट्री का पुलिस ने भंडाफोड़ किया था. उस समय 300 करोड़ रुपये की 46 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई थी. पुलिस ने नौ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए नाइजीरिया मूल के ड्रग्स गिरोह के मुख्य आरोपी चिड़ी इजी अग्वा को रिमांड पर लिया था. 


एक आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने  दी दबिश 
पूछताछ से पता चला कि आरोपी के कुछ साथी शहर की मित्रा एंक्लेव में भी फैक्ट्री संचालित करते हैं. पुलिस आरोपी को लेकर मित्रा सोसायटी में दबिश दी. मौके पर ड्रग्स फैक्ट्री चलती हुई मिली. पुलिस ने दो विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर मौके से तैयार मेथाफेटामाइन (एमडीएमए) और कच्चा माल बरामद किया. आरोपियों के पास से करीब 200 करोड़ की 30 किलो ड्रग्स मिली. 


एनसीआर से विदेशों में भी हो रही थी सप्लाई 
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घर में फैक्ट्री करीब एक साल से चलाई जा रही थी. प्रारंभिक जांच में पता चला यहां से ड्रग्स की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर के अलावा नेपाल और बांग्लादेश समेत कई देशों में भी होती थी. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ड्रग्स तैयार करने के लिए कच्चा माल, केमिकल आदि कहां से और किससे खरीदते थे. इसके अलावा वह ड्रग्स तैयार करने के बाद उसे कहां-कहां खपाते थे और इसकी एवज में पैसा किस तरह से लिया जाता था.