Palwal Flood News: पलवल में बाढ़ के बाद अब गंदगी के चलते कई बीमारियां फैल रही हैं. वहीं लोगों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं की जा रही जिसकी वजह से उन्हें सड़ा-गला अनाज खाकर गुजारा करना पड़ रहा है.
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Palwal Flood News: हरियाणा के पलवल में बाढ़ का पानी भले ही कम हो गया हो, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं. सरकार और प्रशासन के द्वारा इन लोगों को राम भरोसे छोड़ दिया गया है. गंदगी के चलते अब इन क्षेत्रों में बीमारियां फैल रही हैं, जो बच्चे, बूढ़े, जवान सभी को अपनी चपेट में ले रही हैं. लोग अपनी परेशानियों से खुद ही लड़ रहे हैं. आलम ये है लोगों को पानी में भीगा हुआ सड़ा-गला अनाज खाकर गुजारा करना पड़ रहा है.
बाढ़ के पानी के समय जब लोगों ने अपने मकानों को छोड़ा था तो शायद उनको इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि घर वापस आने के बाद उनको अपनी परेशानियों से खुद ही लड़ना पड़ेगा. यूं तो सरकार और प्रशासन ने लोगों से कई तरह के वादे किए थे, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों को राम भरोसे छोड़ दिया गया है. जिसकी वजह से इन इलाकों में हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं.
यमुना किनारे बसे गांव इंदिरा नगर में करीब 400 की आबादी है, यमुना का पानी बढ़ जाने के कारण यह गांव पूरी तरह से डूब गया था और यहां से लोगों को निकाल लिया गया था. यमुना का पानी कम हो जाने के बाद लोग अपने घरों में वापस पहुंचे तो सब कुछ बिखर चुका है. कई कच्चे मकान टूट कर पानी में बह गए तो वहीं लोगों के खाने का राशन पूरी तरह से खराब हो चुका है. लोगों को उम्मीद थी कि सरकार और प्रशासन की तरफ से उनकी मदद की जाएगी, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि लोगों को अपनी परेशानियों से खुद ही निपटना पड़ेगा. सरकार और प्रशासन की तरफ से उनके पास अभी तक कोई मदद नहीं पहुंची है.
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ग्रामीणों ने बताया कि पशुओं के लिए चारा खत्म हो चुका है, केवल एक ही दिन पशुओं के लिए भूसा दिया गया था. जब से वह वापस गांव में आए हैं तब से प्रशासन की तरफ से उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया. ग्रामीणों ने बताया कि उनका अनाज सड़ गया है, लेकिन उनके पास नया अनाज खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. उसी सड़े अनाज को सुखाकर वो अपना पेट पाल रहे हैं, जिसे जानवरों को भी नहीं खिलाया जा सकता.
गांव में पानी भरा हुआ है, जिसमें मच्छर पनप रहे हैं और उनसे बीमारियां फैल रही हैं. कोई ऐसा घर नहीं है, जिसमें बच्चे, बड़े, या बुजुर्गों को बुखार या दूसरी बीमारी न हों. पशुओं के लिए दूसरे गांव जाकर उन्हें चारा इकट्ठा करना पड़ रहा है. गांव के दर्जनों मकानों में दरार आ चुकी है और कई मकान तो गिर चुके हैं. कच्चा रास्ता होने के कारण बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे.
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी फसल पूरी तरह से खत्म हो चुकी है, खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है और अगले कई महीनों तक वह अगली फसल की तैयारी नहीं कर सकते. ऐसे में उनके सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. संकट के इस समय में सरकार द्वारा उनकी मदद नहीं की गई तो उनके हालात बद से बदतर हो जाएंगे.
गांव की सरपंच योगेश ने बताया कि ग्रामीणों के सामने पशुओं के चारे को लेकर परेशानियां हैं साथ ही गांव में गंदगी का भी माहौल बना हुआ है. लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए उनकी तरफ से दवाओं का छिड़काव भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि गांव में लोगों को बुखार और दूसरी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, प्रशासन के साथ मिलकर वह समय-समय पर मेडिकल कैंप की व्यवस्था करा रहे हैं.
पलवल के मुख्य सिविल सर्जन नरेश गर्ग से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई है और जगह जगह पर कैंप आयोजित कराए जा रहे हैं. साथ ही लोगों को गांव-गांव जाकर भी दवाइयां वितरित की जा रही हैं, उन्होंने कहा कि वह स्थिति पर वह पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं.
Input- Rushtam Jakhar