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Delhi News: दिल्ली पुलिस ने सराय काले खां सामूहिक बलात्कार मामले में एक ऑटो चालक सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि पीड़िता का फिलहाल एम्स में मानसिक उपचार चल रहा है. घटना 10 और 11 अक्टूबर की दरम्यानी रात को हुई. तीन आरोपियों की पहचान प्रभु महतो, प्रमोद उर्फ बाबू और मोहम्मद शमसुल के रूप में हुई है.
खून से लथपथ पड़ी मिली थी लड़की
दिल्ली पुलिस ने बताया कि राजधानी में 10 और 11 अक्टूबर की दरम्यानी रात को एक नौसेना अधिकारी को काले खां इलाके में सड़क किनारे खून से लथपथ एक युवती मिली. युवती के गुप्तांगों से खून बह रहा था. यह देख नौसेना अधिकारी ने युवती को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया और पुलिस को इसकी सूचना दी गई. मेडिकल जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो गया कि युवती के साथ दुष्कर्म हुआ है. पुलिस ने राजघाट के पास गांधी स्मृति रोड पर लड़की के खून से लथपथ कपड़े भी बरामद किए. आईपीएस डीसीपी-साउथ ईस्ट रवि कुमार सिंह ने बताया कि 11 अक्टूबर को सुबह करीब 03:15 बजे सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन में एक पीसीआर कॉल आई. कॉल करने वाले ने सराय काले खां इलाके में एक लड़की की मौजूदगी की सूचना दी.
पीड़िता ने दिया बयान
लड़की लाल कुर्ता पहने हुए थी और खून बह रहा था. कॉल करने वाले ने चिंता जताई कि लड़की को चोट लगी होगी या उसके साथ गलत तरीके से मारपीट की गई होगी. पुलिस स्टाफ तुरंत मौके पर पहुंचा, जहां पीड़िता को परेशान हालत में पाया गया और तुरंत उसे मेडिकल जांच के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया. पीड़िता ने डॉक्टर को बताया कि उसके साथ तीन अज्ञात लोगों ने यौन उत्पीड़न किया है. पीड़िता बयान देने के लिए अयोग्य पाई गई. तदनुसार डीडी एंट्री और एमएलसी के आधार पर, 11 अक्टूबर को एफआईआर नंबर 320/24 यू/एस 70(1)/115(2) बीएनएस के तहत सनलाइट कॉलोनी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया.
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ओडिशा की रहने वाली थी लड़की
जानकारी के मुताबिक पीड़िता ओडिशा के एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से थी. दिल्ली पुलिस ने बताया कि पीड़िता एक समर्पित शोधकर्ता, सुविधाकर्ता और सामुदायिक नेता है, जिसे सामाजिक क्षेत्र में आठ साल से अधिक का अनुभव है. वह 9 मई को अपने परिवार को बताए बिना दिल्ली चली गई थी और उसके माता-पिता ने इस संबंध में पुलिस स्टेशन कुंभारपाड़ा, पुरी, ओडिशा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोपियों को पकड़ने के लिए 10 पुलिस टीमें गठित की गईं. एएटीएस की टीम ने एसीपी लाजपत नगर ऐश्वर्या सिंह और एसीपी ऑपरेशन दलीप सिंह की देखरेख में लगातार काम किया और 21 दिनों के अथक प्रयासों के बाद तीन आरोपियों की पहचान की, उनका पता लगाया और उन्हें पकड़ लिया.
700 सीसीटीवी कैमरे किए चैक
पुलिस के लगातार प्रयासों के बाद, आरोपी व्यक्ति के ऑटो-रिक्शा की सही पहचान की गई और 10 अक्टूबर की रात को चालक प्रभु महतो की पहचान की गई. दिल्ली पुलिस ने इसके लिए 700 सीसीटीवी कैमरे और 150 से ज्यादा ऑटो रिक्शा वालों से पूछताछ की. इसके बाद, आरोपी को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए गए और उसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद, अन्य आरोपी व्यक्तियों प्रमोद बाबू और मोहम्मद शमसुल उर्फ राजू की भी पहचान की गई और उन्हें वर्तमान मामले में 2 नवंबर और 4 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ करने पर, आरोपी प्रमोद उर्फ बाबू, जो शराब का आदी है, ने कहा कि उसने अपनी सामान्य दिनचर्या के अनुसार अपनी दुकान बंद की और शराब पी. उसने पास में बैठी एक लड़की को देखा. कुछ ही देर बाद, एक अन्य आरोपी मोहम्मद शमशुल, जो एक भिखारी, शराब का आदी और शारीरिक रूप से विकलांग है, घटनास्थल पर पहुंचा.
दोनों आरोपियों ने लड़की का यौन उत्पीड़न करने की साजिश रची, यह मानते हुए कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है और आसान लक्ष्य है. दोनों ने मिलकर लड़की को जबरन घसीटकर अपराध करने के लिए सुनसान इलाके में ले गए. ऑटो चालक-आरोपी प्रभु महतो ने घटना देखी और अपराध में शामिल होने के इरादे से उनके साथ शामिल हो गया. इसके बाद, आरोपी प्रभु महतो ने लड़की को जबरन अपने ऑटो में बिठाया और उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद आरोपी ने पीड़िता को सराय काले खां की ओर फेंक दिया और भाग गया. इस मामले में उड़ीसा के मुख्यमंत्री ने भी दिल्ली पुलिस से जांच रिपोर्ट मांगी थी. फिलहाल, तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं. पीड़िता अभी भी एम्स के मनोचिकित्सा विभाग में भर्ती है.