नई दिल्लीः आर के पुरम विधानसभा की महिलाओं ने अपनी बात को मनाने के लिए एक अनोखा प्रदर्शन किया है. आर के पुरम विधानसभा से महिला विधायक प्रमिला टोकस के दफ्तर के बाहर अपने बच्चों को सिलाई केंद्र में डिजाइन कर बनाए गए कपड़ों को पहना कर कराया रैम्प वॉक करवाया है. आरोप है कि आर के पुरम विधानसभा के मोहम्मदपुर गांव की एक झुग्गी में सिलाई सेंटर खुला हुआ था, जो कोरोना काल के बाद से खोला गया था.


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यहां पर सैकड़ों महिलाओं ने सिलाई के काम को सिखा है, यहां सीखने के बाद महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही थी, लेकिन तभी इलाके की विधायक प्रमिला टोकस ने एक नोटिस जारी कर इस सिलाई सेंटर को बंद करने का आदेश दे दिया है, जिसके बाद से ही सिलाई सेंटर में सिलाई सीखने जाने वाली महिलाएं विधायक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं. पहले दिन इन महिलाओं ने कई अनोखे नारेबाजी लगाकर विधायक दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया.


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किसी तरह की कोई सुनवाई न होने के बाद प्रदर्शन के दूसरे दिन महिलाओं ने अनोखे तरीके से अपने बच्चों को रैम्प वॉक करा कर अपना विरोध जताया. विधायक के दफ्तर के बाहर नन्हे-मुन्ने बच्चों का रैम्प वॉक. क्या मानेंगे इन नन्हे मुन्ने मॉडल के डिज़ाइनर कोई और नहीं इनकी मां है, जिन्होंने झुग्गी में बने सिलाई सेंटर में काम सीख कर इनके लिए ड्रेस बनाया है. ड्रेस के अलावा कई सारे आकर्षक बैग मास्क के अलावा और भी बहुत कुछ सिलाई सेंटर में सीख कर महिलाएं बनाती थी.


सिलाई सेंटर को बंद करने पर आंदोलन


इन महिलाओं का आरोप है कि स्थानीय विधायक द्वारा उस सिलाई सेंटर को बंद कर दिया गया है. कोरोना काल समाप्त होने के बाद हर किसी की माली हालत खराब हो गई थी. ऐसे में स्थानीय बीजेपी नेता रुकमणी सिंह द्वारा एक एनजीओ के साथ मिलकर मोहम्मदपुर के झुग्गी वाले इलाके में सिलाई सेंटर खोला गया. सिलाई सेंटर खोलने के बाद से ही वहां काम सीखने के लिए काफी संख्या में महिलाएं आने लगी. देखते ही देखते वहां सीखने वाली महिलाएं सैकड़ों में हो गई.


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यहां से कई महिलाएं सीखने के बाद अपना अलग से सेंटर खुल चुकी है. कई महिलाएं यहां से सीखने के बाद अपने परिवार के खर्चे में हाथ बटाना शुरू कर दिया था. ऐसे में आरोप है कि स्थानीय विधायक ने इस सेंटर को बंद करवा कर बहुत बड़ा नुकसान किया है. इनका कहना है कि इस सेंटर में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिसका उदाहरण यह है कि जिस तरह से इन बच्चों ने कपड़े पहने हैं हो सकता है.


ऐसे ही किसी सेंटर से महिलाएं अच्छा करें और आगे सचमुच के डिजाइनर बंद कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम बढ़ाएं, लेकिन सेंटर बंद होने के बाद इनके सपने अधूरे हो गए हैं. सेंटर बंद होने के विरोध में यह महिलाएं लगातार दूसरे दिन आरके पुरम के विधायक प्रमिला टोकस के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रही है. इनकी मांग है कि इनके सेंटर को फिर से शुरू किया जाए ताकि यह महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार की मदद करें और अपने लिए एक अच्छा और उज्जवल भविष्य बनाएं.


(इनपुटः मुकेश सिंह)