Punjab और Haryana Court का फैसला, अब जेल में मिल सकेंगे अपराधी पति-पत्नी
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Punjab और Haryana Court का फैसला, अब जेल में मिल सकेंगे अपराधी पति-पत्नी

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला लिया है जिसमे कैदियों को अपने पार्टनर के साथ अकेले में समय बिताने का समय दिया जाएगा. 

Punjab और Haryana Court का फैसला,  अब जेल में मिल सकेंगे अपराधी पति-पत्नी

हरियाणा: जेल में बंद कैदियों को एक अलग से खास सुविधा दी जा रही है. यह विषय आजकल चर्चाओं में बना हुआ है. इस सुविधा के बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा. पंजाब की जेल मे अब पति-पत्नी को अकेले में समय बिताने को दिया जाएगा. इसके लिए एक कमरा अलग से तैयार किया जा रहा है. इस मुलाकात के दौरान दोनों शारीरिक संबंध भी बना सकते हैं. यह हैरान करने वाली बात है मगर ये ही सच्चाई है. ऐसा कभी नहीं हुआ कि पति-पत्नि को मिलने के लिए अकेले में समय मिलेगा. यह सुविधा पंजाब के इंदवाल साहिब, नाभा, लुधियाना और बठिंडा महिला जेल में शुरू की जा चुकी है और इसे सभी जेलों में शुरू करने की तैयारी का जा रही है. 

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जसवीर सिंह ने अपना वंश आगे बढ़ाने की याचिका दायर की थी और दलील में यह भी कहा था कि पत्नी के गर्भवति होने तक उसे जेल में पत्नी के साथ रहने की इजाजत भी मांगी थी, लेकिन उस समय कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. लेकिन इस याचिका पर पंजाब सरकार ने हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को जेल रिफॉर्म्स कमेटी को इस बारे में नीति बनाने को कहा गया था, जिसके बाद  पंजाब सरकार द्वारा ये अहम फैसला लिया गया. 

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कैदी गुरजीत सिंह को सबसे पहले मिली यह सुविधा

मिली जानकारी के मुताबिक मार्च 2022 में गुरुग्राम की एक महिला ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची. उसने याचिका दायर की थी कि वह जेल में बंद अपने पति से शारीरिक संबंध बनाने की मांग थी. उसने अपनी दलीली दी कि जेल में बंद पति से वंश को आगे बढ़ाना चाहती है. कैदी गुरजीत सिंह यह सुविधा उठाने वाला पहला कैदी है. कैदी को गुरुग्राम कोर्ट ने हत्या और अन्य अपराधों का दोषी ठहराया था. जिसके बाग साल 2018 से वह भोंडसी जिले की जेल में बंद है. 

इन कैदियों को नहीं मिलेगी सुविधा
-गैंगस्टर या खतरनाक अपराधी 
-पिछले तीन महीने में अपराध को अंजाम देने वाले कैदी 
- जेल में अनुशासन में न रहने वाले कैदी
-पिछले तीन महीने में जेल में अपना काम न करने वाले कैदी

इन कैदियों को दी जाएगी प्राथमिकता 
-लंबे समय से बंद अपराधी
-एक बच्चे के मां-बाप अपराधी 
-पैरोल हकदार कैदियों को भी दी जाएगी प्राथमिकता 

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