Rajasthan Elections 2023: हर पांच वर्षों में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल देने वाले राजस्थान में कुल 200 सीटे हैं, जिनमें से 199 सीटों पर इस साल मतदान किया जा रहा है. अगर मतदाताओं की संख्या की बात की जाए तो ये 5,25,38,105 है. मतदाताओं में 18-30 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1,70,99,334 है. इसमें 18-19 साल के 22,61,008 मतदाता शामिल हैं.
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Rajasthan Assembly Election 2023 Voting: राजस्थान में आज यानी शनिवार 25 नवंबर 2023 को चुनावी बिगुल की शुरुआत हो चुकी है. सुबह 7 बजे से ही राजस्थान में 199 सीटों के लिए वोटिंग की प्रक्रिया शुरू है. इस चुनाव में 1862 उम्मीदवार उपना भाग्य आजमा रहे हैं. साथ ही राज्यभर में इस चुनाव के लिए 5.25 करोड़ मतदाता मतदान करने वाले हैं. राजस्थान में सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान की प्रक्रिया चलने वाली है.
जानें अहम बातें
हर पांच वर्षों में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल देने वाले राजस्थान में कुल 200 सीटे हैं, जिनमें से 199 सीटों पर इस साल मतदान किया जा रहा है. अगर मतदाताओं की संख्या की बात की जाए तो ये 5,25,38,105 है. मतदाताओं में 18-30 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1,70,99,334 है. इसमें 18-19 साल के 22,61,008 मतदाता शामिल हैं.
सरकार बदलने की रही है ट्रेंड
इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है. राजस्थान में हर पाच साल में सरकार बदलने की कवायत रही है. इसको बदलने के लिए कांग्रेस इस बार ताकत झोंकी हुई है. वहीं भारतीय जनता पार्टी इस ट्रेंड को इस बार भी कायम करना चाहती है. अक्टूबर महीने में चुनावी तारिखों के ऐलान के बाद से लगातार राज्य में पार्टियां और उनके उम्मीदवार प्रचार-प्रसार में जुटे हुए थे.
वसुंधरा राजे ने किया वोट डालने का अनुरोध
इसी बीच राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने झालावाड़ में कहा, "मैं सभी से, खासकर पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं से वोट डालने का अनुरोध करती हूं. साथ ही तमाम राजनेताओं ने वोटिंग की है. इसके साथ ही समाचार एजेंसी ANI से सचिन पायलट ने कहा कि बजरंग बली से बड़ा योद्धा कौन है? बजरंग बली हम सबकी मदद करेंगे.
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3 दिसंबर को फैसला
बता दें कि आज 25 दिसंबर को होने वाले राजस्थान चुनाव का परिमाण 3 दिसंबर को आएगा. कम से कम 100 सीटों पर जीत पाने वाली पार्टी को इस चुनाव में जीत मिलेगी और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने का मौका मिलेगा, आखिर कुर्सी पर बैठेगा कौन? ये देखने वाली बात होगी. हालांकि राजस्थान में 5 साल में सरकार बदलने की पुरानी ट्रेंड रही है, जिसे इस बार कांग्रेस तोड़ने की बात कहती हुई नजर आ रही है.