जानें, कैसे गुलाब की खेती से हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं किसान, सरकार भी कर रही है मदद
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जानें, कैसे गुलाब की खेती से हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं किसान, सरकार भी कर रही है मदद

गुलाब के फूलों की डिमांड मार्केट में बहुत अधिक रहती है. शादियों के दौरान गुलाब के फूलों की वरमाला बनाकर तैयार की जाती है और कई तरह के इत्र भी गुलाब के फूलों से बनाकर तैयार किए जाते हैं और गुलकंद भी गुलाब से ही बनाकर तैयार किया जाता है.

जानें, कैसे गुलाब की खेती से हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं किसान, सरकार भी कर रही है मदद

सोनीपतः हरियाणा के किसान इन दिनों गुलाब के फूलों की खेती कर काफी मुनाफा कमा रहे हैं. अधिकतर किसान देसी गुलाब अपने खेतों में उगा रहे हैं. इतना ही नहीं सरकार प्रथम चरण में गुलाब की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी भी उपलब्ध करवाती है, जिसकी वजह से किसानों की इनकम दुगनी हो गई है.

आप देख सकते हैं कि यह गुलाब के फूलों का खेत है और इसमें फूल भी काफी मात्रा में उगने से, किसान गुलाब के फूलों के खेती कर काफी मुनाफा कमाने के साथ-साथ खुशहाल भी हो रहा है. किसानों का कहना है कि वह एक बार गुलाब के फूल को लगाने के बाद 20 साल तक लगातार फूलों का उत्पादन ले सकते हैं.

उन्होंने आगे बताया कि रखरखाव के तौर पर खेतों में 3 साल में एक बार कटिंग भी करनी पड़ती है जिसे पौधे को ताकत मिलती है. इस खेती को करने के लिए किसान को बार-बार पानी और खाद भी बहुत कम मात्रा में देना पड़ता है. नाममात्र पानी में है यह फसल मुनाफा देना शुरू कर देती हैं.

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उन्होंने कहा कि खेत में गुलाब को लगाने के 6 महीने बाद ही फूल आना शुरू हो जाता है. जब किसान इसे मंडी में बेचने के लिए जाता है तो 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से रेट प्राप्त होता ही है. इसके अतिरिक्त गुलाब के फूल की अच्छी क्वालिटी 350 रुपये किलो से 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से किसान को भाव मिल ही जाता है.

उन्होंने किसानों ने आगे बताया कि एक एकड़ खेत में लगाया गया गुलाब ढाई से 3 लाख वार्षिक इनकम देता है. जब इस विषय से संबंधित गुलाब के फूलों का कार्य करने वाले दुकानदारों से भी बात की तो उनका कहना था कि खासकर NCR सोनीपत में देशी गुलाब के फूलों का काफी अच्छा एरिया किसानों द्वारा फूलों की खेती के रूप में तैयार किया गया है.

उन्होंने बताया कि जब कोई भी किसान उनके पास गुलाब को लेकर पहुंचता है तो वह तुरंत उसे खरीद लेते हैं. खास तौर से गुलाब के फूलों की डिमांड मार्केट में बहुत अधिक रहती है. शादियों के दौरान गुलाब के फूलों की वरमाला बनाकर तैयार की जाती है और कई तरह के इत्र भी गुलाब के फूलों से बनाकर तैयार किए जाते हैं और गुलकंद भी गुलाब से ही बनाकर तैयार किया जाता है.

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उन्होंने आगे बताया कि गुलाब जल भी इसी से बनाया जाता है और मधुमक्खियां भी गुलाब का रस चूस कर शहद भी बनाती हैं. दुकानदार भी इस खेती को किसानों के लिए फायदेमंद जरूर बता रहे हैं. हरियाणा का बागवानी विभाग भी किसानों को गुलाब के फूलों की खेती के प्रति लगातार जागरूक करता रहता है.

विभाग का प्रयास यह है कि किसानों की इनकम दुगनी हो सके और अधिक खर्चे वाली खेती किसान ना करें मुनाफा अधिक हो वहीं खेती अपनाने के प्रति किसान अधिक से अधिक जागरूक रहें. बागवानी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि किसान 3 गुना तक भी गुलाब के फूलों की खेती से मुनाफा ले सकता है. किसान गुलाब के फूल का तेल निकाल कर बेच सकते हैं, जिसकी मार्केट में अच्छी खासी कीमत मिलती है.

उन्होंने आगे बताया कि देसी गुलाब से अधिक तेल निकलता है. प्रत्येक किसान को सरकार के माध्यम से 6 हजार 400 रुपये सब्सिडी भी प्रति एकड़ के हिसाब से उपलब्ध करवाई जाती है. फिलहाल NCR सोनीपत, पानीपत, झज्जर, फरीदाबाद क्षेत्रों में किसान 500 एकड़ से भी अधिक भूमि में गुलाब की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं और अब दिन प्रतिदिन हरियाणा के अन्य जिलों के किसान भी इस खेती के प्रति आकर्षित हो रहे हैं. वास्तव में गुलाब किसानों के चेहरे पर रौनक ला रहा है.