Sajay Singh News: आंख का इलाज करवाने के लिए कोर्ट ने संजय सिंह को दी मंजूरी
Sanjay Singh Hindi News: डायबिटीज के शिकार संजय सिंह ग्लूकोमा से भी पीड़ित है. उन्होंने अपने आंखों के इलाज के लिए पहले से इलाज कर रहे डॉक्टर से मशवारा करने की मांग की थी. संजय सिंह का कहना था कि जेल में वैसा इलाज संभव नहीं है, जैसा उन्हें चाहिए. कोर्ट ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी.
AAP Sajay Singh Excise Policy Case: राउज एवेन्यु कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह की न्यायिक हिरासत की अवधि 10 नवंबर तक बढ़ा दी है. कोर्ट ने जेल ऑथोरिटी से उनका पर्याप्त इलाज सुनिश्चित करने और निजी इलाज भी करवाने को कहा है. डायबिटीज के शिकार संजय सिंह ग्लूकोमा से भी पीड़ित है. उन्होंने अपने आंखों के इलाज के लिए पहले से इलाज कर रहे डॉक्टर से मशवारा करने की मांग की थी. संजय सिंह का कहना था कि जेल में वैसा इलाज संभव नहीं है, जैसा उन्हें चाहिए. कोर्ट ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी. कोर्ट ने कहा कि पहले भी इस केस में सह आरोपियों को निजी इलाज की इजाजत मांगी है.
ऐसे में प्राइवेट ट्रीटमेंट से मना करने का कोई कारण नजर नहीं आता. कोर्ट ने जेल ऑथोरिटी से कहा कि जेल से आई सेंटर ले जाने और वापस लाने के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. कोर्ट ने ये भी कहा है कि आई केयर सेन्टर में इलाज के दौरान आम आदमी पार्टी के समर्थक इकट्ठे न हो, जिसेस कि वहां मौजूद बाकी मरीजों को दिक्कत न हो.
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कोर्ट ने संजय सिंह को घर के खर्चे के लिए चेक और अपने संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए कमिश्नर एमसीडी को लिखे पत्रों पर हस्ताक्षर करने की इजाजत दी है. संजय सिंह ने कोर्ट से इसकी मांग की थी.
संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर को उनके घर से गिरफ्तार किया था. इसके बाद आठ दिन तक ED की हिरासत में रहने के बाद कोर्ट ने उन्हें पिछ्ली सुनवाई में न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश सुनाया था. संजय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी और हिरासत के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. संजय सिंह का कहना था कि इस केस में उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी और राजनीतिक वजहों से प्रेरित है. हाईकोर्ट ने संजय सिंह की इस दलील को खारिज करते हुए कहा था कि ईडी देश की एक बड़ी जांच एजेंसी है. उस पर ऐसे आरोप लगाना देश की साख को प्रभावित करता है. जब तक इस तरह के आरोप को साबित के करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं है, कोर्ट इस बहस में नहीं जाएगा.
Input: Anuj Tomar