Navratri second day Brahmacharini puja: शारदीय नवरात्र शुरू हो चुके हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है तो आइये जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मंत्र और इसके लाभ.
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Navratri: 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो गए जा रहे हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. ऐसा करने से मां के आशीर्वाद की प्राप्ती होती है. मां की पूजा का इन दिनों विशेष लाभ मिलता है. शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन 27 सितंबर को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. आइए इनके बारे कुछ जरूरी बातें जानते हैं.
मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप
शास्त्रों में मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी कहा गया है. जो भी भक्त सच्चे मन से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है उसे धैर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है. ब्रह्म का मतलब तपस्या और चारिणी का मतलब आचरण करने वाली होता है. इस तरह ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप का आचरण करने वाली होता है. इनके दाएं हाथ में मंत्र जपने वाली माला और बाएं में कमंडल होता है. भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा था.
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मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग
दुर्गा के इस रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में लाल रंग बहुत शुभ माना गया है. क्योंकि इनका प्रिय रंग लाल है. देवी की पूजा लाल रंग के वस्त्र पहनकर करना बहुत ही फलदायी माना जाता है. पूजा में लाल चुनरी, लाल फूल, कुमकुम, लाल चूड़ी मां अर्पित करनी चाहिए.
मां ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र
बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
प्रार्थना मंत्र: दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा