Sonipat Hindi News: शुगर मिल में पूर्व बोर्ड डायरेक्टर और वाइस चेयरमैन उमेद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां जांच करवाने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा और साथ ही पूर्व शुगर मिल एमडी अनुपमा मलिक पर गंभीर आरोप लगाए. करोड़ों रुपएये के गड़बड़ झाले को लेकर भी जांच की मांग उठाई है.
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Sonipat News: सोनीपत की पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में शुगर मिल सोनीपत के पूर्व बोर्ड डायरेक्टर और वाइस चेयरमैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां उन्होंने शुगर मिल में कई अलग-अलग टेंडर को लेकर शुगर मिल की पूर्व एमडी अनुपमा मलिक पर गंभीर आरोप लगाए और चहेती कंपनी SK पावर ग्रुप पानीपत के साथ पूर्व एमडी शुगर मिल अनुपमा मलिक के साथ बिजनेस पार्टनर होने के आरोप लगाए हैं.
एसके पावर ग्रुप पानीपत कंपनी का अनुभवहीनता और मानकों को खरा न उतरने के बावजूद टेंडर उनकी झोली में डालने को लेकर जांच की मांग उठाई है. शुगर मिल में10 लाख की लागत से लगाए गए आरओ प्लांट के AMC और स्पेयर पार्ट्स पर 2022-23 के पिराई स्तर में 30 लख रुपये खर्च कर दिए गए. यानी कीमत से 3 गुना पैसा मेंटिनेंस पर खर्च होना सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.
सोनीपत के शुगर मिल का टेंडर ना होने को लेकर लगातार बवाल हो रहा है. हाल में ही सोनीपत शुगर मिल की एमडी अनुपमा मलिक का तबादला होने का नोटिफिकेशन जारी हुआ है. अनुपमा मलिक बतौर शुगर मिल एमडी के तौर पर काम करती रही है, लेकिन अनुपमा मलिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए. पूर्व बोर्ड डायरेक्टर उमेद सिंह दहिया ने कहा है कि एमडी ने अपनी चहेती फर्म को मानकों को ताक पर रखकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये का टेंडर किया है. उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा शुगर फैट द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार शुगर मिलों में कार्य करवाने के लिए प्रतिष्ठित शिशु गुरु मिलन में दो साल का अनुभव होना अनिवार्य है या फिर फार्म हरियाणा शुगर फैट या नेशनल शुगर फेडरेशन में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है और तमाम शर्तों और मानकों को तक पर रखकर चाहती कंपनी के खाते में लाखों रुपये ट्रांसफर किए हैं.
पिछले लंबे अरसे से सोनीपत के शुगर मिल में पारदर्शिता के साथ टेंडर होकर काम सुचारू कराया जाता था, लेकिन अनूपमा मलिक के कार्यकाल के दौरान SK पावर ग्रुप पानीपत दोबारा पहले कोई भी कार्य सोनीपत के शुगर मिल या अन्य शुगर मिल में नहीं किया गया, लेकिन जिस दिन से एमडी शुगर मिल अनुपमा मलिक ने कार्यभार संभाला उसी दिन उनकी जॉइनिंग से लेकर लगातार एस के पावर ग्रुप मालिक में शुगर मिल में उपस्थित रहा है. एमडी शुगर मिल अनुपमा मलिक पर आरोप है कि उनकी मेहरबानी के कारण कई प्रकार के टेंडर कंपनी को दिए गए. गन्ने की खोई उठाने से लेकर मेंटेनेंस व अन्य कई प्रकार के टेंडर समेत सभी टेंडर एक ही कंपनी को दिए गए हैं. वहीं आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि जिस प्रकार से सोनीपत के शुगर मिल में अलग-अलग टेंडर एसके पावर ग्रुप को दिए गए हैं, इससे ऐसा लगता है कि एमडी शुगर मिल अनुपमा मलिक और कंपनी का मालिक बिजनेस हिस्सेदार हैं.
केन डिपार्टमेंट का किसानों से सीधा संपर्क होने के कारण किसानों को मोहरा बनाकर प्रोटेस्ट करवाया जा रहा है, जिससे कि अनुपमा मलिक का ट्रांसफर रोका जा सके. हालांकि ट्रांसफर होने के बाद नए एमडी ने कार्यभार संभाल लिया गया है, लेकिन चहेती कंपनी और अनुभवहीन कंपनी को लाभ पहुंचाने को लेकर अब जांच की मांग उठ रही है और देखना होगा मामले को लेकर किस प्रकार के तथ्य सामने आते हैं और क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी.
Input: Sunil Kumar