Manohar Lal News: पराली जलाने के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए पराली निपटान प्रक्रया को पंजाब सरकार सौ फीसदी मुफ्त क्यों नहीं करती. सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वो टिप्पणी, जिसमें कहा गया है कि पंजाब सरकार को हरियाणा से सीखना चाहिए, इससे यह स्पष्ट है कि पंजाब सरकार ने पराली जलाने के मुद्दे पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीएम ने कहा, पंजाब को जरूरी उपाय करने चाहिए. हरियाणा में हम किसानों को हर तरह की मदद कर रहे हैं, ताकि वे पराली न जलाएं और किसानों ने पराली जलाना बंद भी कर दिया है. मैं हरियाणा के किसानों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इसे रोका. मनोहर लाल ने कहा कि ये राजनीति का विषय नहीं हैं. ये बात दिल्ली के सीएम को भी समझनी चाहिए. उनके द्वारा दिए गए राजनीतिक बयान उचित नहीं हैं. कॉमन समस्या के हल के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए.


ये भी पढ़ें: बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, UP सरकार की इस योजना से बकाया बिल में मिलेगी 90% तक छूट


 


दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार को खुले में कूड़ा जलाने की घटनाओं पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि खेतों में आग लगाने की घटनाएं कम नहीं हुई हैं.पंजाब सरकार को किसानों को वित्तीय प्रोत्साहन देने में हरियाणा राज्य से सीख लेनी चाहिए.


कोर्ट ने कहा कि पराली जलने के मामले में किसानों को खलनायक बनाया जा रहा है. अदालत में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. पराली जलाने के पीछे किसानों के पास कोई कारण होगा. किसानों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीन देना ही सब कुछ नहीं है. इसमें डीजल की लागत, मैनपावर पर खर्च आदि भी शामिल है. पंजाब सरकार डीजल, मैनपावर आदि पर वित्तीय सहायता क्यों नहीं देती. मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी.