Supertech Project: 2022 से दिवालिया कार्यवाही का सामना कर रही कंपनी ने 930 करोड़ के बकाया के लिए प्राधिकरण के सामने समाधान योजना पेश की है.
Trending Photos
Supertecg Flats Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत सुपरटेक के प्रोजेक्ट में फ्लैट की रजिस्ट्री का वर्षों से इंतजार कर रहे खरीदारों को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती हैं. सुपरटेक कंपनी ने 930 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के लिए प्राधिकरण के सामने समाधान योजना पेश की है. इसके तहत कंपनी ने दो हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री करने का आग्रह किया है. अगर प्राधिकरण कंपनी के प्रस्ताव को मान लेता है तो इकोविलेज 1 में 1,322 फ्लैट, इकोविलेज 3 में 574 और सीजर सूट में 65 फ्लैट के खरीदार प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करा सकेंगे.
सुपरटेक ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 900 करोड़ रुपये के बकाये का निपटान करने के लिए एक समाधान योजना दी है और तीन परियोजनाओं - इकोविलेज 1 और 3 और सीजर सूट में लगभग 2,000 फ्लैटों की रजिस्ट्री करने का अनुरोध किया है, जिसके लिए कब्जा प्रमाण पत्र पहले ही जारी किए जा चुके हैं. बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने 25 मार्च 2022 को कंपनी के इन तीनों परियोजनाओं के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई की थी. कंपनी ने इस आदेश को चुनौती दी थी. इसके बाद डेवलपर को आदेश दिया गया कि वह इकोविलेज 2 को छोड़कर बाकी सभी परियोजनाओं को आईआरपी की देखरेख में पूरा करे. इस साल मई में एनसीएलएटी ने घर खरीदारों की समस्याओं के समाधान के लिए परियोजनावार समाधान की अनुमति दी थी. इसके लिए आईआरपी ने समाधान योजना तैयार की है.
जब एनसीएलटी ने सुपरटेक के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही की अनुमति दी, तो प्राधिकरण ने दावा किया कि रियल एस्टेट कंपनी पर चार परियोजनाओं इकोविलेज 1 और 3, सीजर सूट और स्पोर्ट्स सिटी के लिए 1,103 करोड़ रुपये बकाया हैं. हालांकि, आखिरी परियोजना(स्पोर्ट्स सिटी) अभी शुरू नहीं हुई है. सुपरटेक की समाधान योजना के अनुसार, प्राधिकरण को 930 करोड़ रुपये देने है.
सुपरटेक ने रखा ये प्रस्ताव
सुपरटेक ने कहा कि मूल बकाया राशि का भुगतान एस्क्रो खाते (जहां कंपनी फ्लैट खरीदारों से धन अर्जित कर जमा करेगी) के जरिये किया जाएगा. अगर फ्लैटों की राशि पूरी न हो तो दूसरे परियोजनाओं के बिना बिके फ्लैट को GNIDA (Greater Noida Industrial Development Authority) के साथ साझा किया जाएगा. ग्रेटर नोएडा में पूरी हुई परियोजनाओं के सरप्लस फंड से ब्याज का भुगतान किया जाएगा. सुपरटेक ने कहा कि घाटे की स्थिति में अगर कंपनी GNIDA के प्रति अपने समझौते को पूरा नहीं कर पाती तो प्रमोटर कंपनी के कैश फ्लो से बकाया राशि को कवर करेगा.
कंपनी ने मांगी राहत
सुपरटेक ने कहा है कि को-डेवलपर्स को कंस्ट्रक्शन पूरा करने के लिए रिसोर्स इस्तेमाल करने की मंजूरी दी जाए. इसके अलावा एस्क्रो मेकेनिज्म के तहत भूमि पर बकाया और कुल प्राप्त राशि के अनुपात में भुगतान करने की अनुमति मांगी. इसके अलावा कंपनी ने एस्क्रो अकाउंट के माध्यम से अदा किए गए बकाय के बाद सबलीज की अनुमति मांगी. कंपनी ने कहा कि उन्हें दो साल की और छूट दी जाए. इसके अतिरिक्त बिना कोई फीस बढ़ाए प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए तीन साल दिए जाएं.