Surajkund Mela 2024: हर वर्ष की भांति इस साल भी लगातार हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की स्टाल 37वे अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले (37th International Surajkund Crafts Fair) में अपनी धाक जमाए हुई है. हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद पूरे प्रदेश में अपनी गतिविधियों कार्यशाला में कोचिंग क्लास चलाकर महिलाओं व बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपना पूर्ण सहयोग कर रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्टॉल पर जब आप भ्रमण करेंगे तो पाएंगे कि महिलाओं द्वारा हाथ से बनी हुई वस्तुएं तैयार की गई है. यहां आप हाथ से बने जूट के बैग, कपड़े के थैले, घर के लिए कालीन व चटाई, सोफे व कुर्सी के लिए तकिए, मेज पोस, सुगंधित धूप बत्तियां आदि सामान खरीद सकते हैं. यह सभी सामान प्लास्टिक का उपयोग किए बिना हाथ से बनाया गया गया है.


ये भी पढ़ेंः Surajkund Mela 2024: विदेशी स्टॉल बने देशी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र


वहीं, जिला बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री ने बताया कि जिन सामान को हम अक्सर कबाड़ समझ कर फेंक देते हैं, उसी सामान से बच्चों व महिलाओं के द्वारा सुंदर-सुंदर व मनमोहक सामग्री बनाई गई है. यह सामग्री जिला नूंह, पलवल व झज्जर के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चे व महिलाओं के द्वारा निर्मित की गई है. जहां मशीनों के द्वारा तरह-तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं, उनसे कहीं सुंदर महिलाओं व बच्चों के द्वारा हाथ से की गई कारीगरी बहुत ही सराहनीय है.


सूरजकुंड में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के नोडल अधिकारी कमलेश शास्त्री ने बताया कि राज्य बाल कल्याण परिषद महिला एवं बाल विकास को लेकर बेहतर तरीके से काम कर रही है. इसी उद्देश्य के चलते यहां महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की स्टाल लगाई गई हैं. उन्होंने आगे बताया कि धीरे-धीरे लोगों को इन उत्पादों की तरफ रुझान बढ़ रहा है और साथ ही उम्मीद जताई कि परिषद की ओर से लगाए गए स्टॉल महिलाओं के स्वावलंबन के नजरिए से उपयोगी साबित होंगे.


(इनपुटः अमित चौधरी)