World Air Quality Report: विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी की लिस्ट में फिर नंबर-1 पर दिल्ली
World Air Quality Report: स्विस संगठन IQAir की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी है तो वहीं भारत प्रदूषित देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. भारत की औसत वार्षिक PM2.5 सांद्रता 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है.
World Air Quality Report: प्रदूषण का सितम झेल रहे दिल्लीवासियों के लिए एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है.सबसे प्रदूषित राजधानी की लिस्ट में एक बार फिर दिल्ली पहले नंबर है. वहीं बिहार का बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित महानगरीय क्षेत्र रहा. वहीं 134 देशों में भारत तीसरी सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला देश रहा.
ये भी पढ़ें- Gurugram News: सागर ठाकुर मामले में गुरुग्राम पुलिस हासिल करेगी एल्विश यादव का पेशी वारंट
दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी दिल्ली
साल 2022 में दिल्ली का PM2.5 स्तर 2022 में 89.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो साल 2023 में बिगड़कर 92.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया. साल 2018 से लगातार 4 बार दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी का दर्जा मिला है, जो दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.
भारत तीसरा सबसे प्रदूषित देश
स्विस संगठन IQAir की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित है तो वहीं भारत प्रदूषित देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. भारत की औसत वार्षिक PM2.5 सांद्रता 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. वहीं पहले नंबर पर बांग्लादेश है, जिसकी PM2.5 सांद्रता 79.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पाकिस्तान 73.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर PM2.5 सांद्रता के साथ प्रदूषित देशों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है.
134 देश हुए शामिल
साल 2022 में विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में 131 देशों को शामिल किया गया था, जिसमें 7,323 स्थानों का डेटा लिया गया. वहीं साल 2023 में इसमें देशों की संख्या बढ़ गई. साल 2023 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में 134 देशों को शामिल किया गया. वहीं 7,812 स्थानों का डेटा लिया गया.
क्या है PM2.5?
PM का मतलब होता पार्टिकुलेट मैटर और 2.5 इस मैटर या कण का आकार होता है. वायु में मौजूद ये कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें आसानी से नहीं देखा जा सकता है. PM2.5 वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से कैंसर, अस्थमा, स्ट्रोक और फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं और बच्चों की मानसिक विकास भी प्रभावित होता है.