Yamunanagar News: वन विभाग में भर्ती के लिए महिलाओं की छाती नापने के फैसले पर जो विवाद इंटरनेट पर चल रहा, उस पर हरियाणा के वन मंत्री कवर पाल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह जो कानून है, वह पहले से ही चला आ रहा है. उनकी सरकार ने उसमे कोई बदलाव नहीं किया है जिस पर विपक्ष हो हल्ला कर रहा है.


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वन मंत्री कंवर पाल ने सुरजेवाला को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि विवाद खड़े करना और हल्की राजनीति करना उनका व्यवहार बन चुका है. इस पर वन मंत्री कंवर पाल ने कहा कि इस मामले पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, उसके बाद यह विषय बना. रणदीप सिंह सुरजेवाला अपनी पार्टी के बड़े नेता हैं. जिस प्रकार से उनका व्यवहार है विवाद खड़े करना हल्की राजनीति करना वह आज का नहीं वह लगता है की परमानेंट व्यवहार है.


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कंवर पाल ने कहा कि ट्वीट करने से पहले उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया कि यह नियम कब का है. यह नियम 1991 का है 1991 में इन्हीं की सरकार थी और इन्हीं के पिताजी मंत्री थे. उसके बाद जब सरकार बनी तो यह भी मंत्री रहे उसके बाद बंसीलाल की सरकार बनी, ओमप्रकाश चौटाला की सरकार बनी लगातार दो बार इनकी सरकार रही उसमें भी यही नियम था. इंनके टाइम में भी फॉरेस्ट गार्ड की जो भर्ती हुई और हमारे टाइम में भी जो फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती है.


उसमें वहीं नियम है यदि किसी बेटी बच्ची की इस प्रकार की ख्वाहिश होती है तो उसमें लेडी डॉक्टर अलग से होती है और अलग से एक एरिया होता है. जहां पैमाइश वगैरा होती है और जहां पर सारी महिलाएं ही होती हैं. वहीं हरियाणा के मंत्री ने कहा कि मैं नहीं समझता कि कोई इस प्रकार का विवाद है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विवाद खड़े करने के लिए ही इस तरह का ट्वीट किया है, जिसका कोई औचित्य नहीं है जो भी भर्ती के नियम है, वो पहले से ही था. वह कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल से ही हैं और 1991 से बने हुए हैं. हमने कोई नया नियम नहीं बनाया न ही कोई नया नियम बदला है. वहीं कल यमुना नगर के दौरे पर आई पूर्व मंत्री शैलजा ने भी महिलाओं की छाती मापने पर की सवाल खड़े किए हैं.


Input: Kulwant Singh